यूपी विधानसभा चुनाव में मैनपुरी की करहल सीट इन दिनों काफी चर्चा में है। दरअसल इस सीट से समाजवादी पार्टी के प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय मंत्री सत्य पाल बघेल को मैदान में उतारा है। बता दें कि सत्य पाल बघेल कभी सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाते थे।

बघेल आगरा से बीजेपी सांसद हैं और मोदी सरकार में राज्यमंत्री भी हैं। ब्रज क्षेत्र के एसपी बघेल पिछड़ा वर्ग से आते हैं। ऐसे में भाजपा ने बड़ा दांव खेलते हुए उन्हें अखिलेश यादव के खिलाफ मैदान में उतारा है। सत्यपाल सिंह बघेल यूपी के उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के भटपुरा के मूल निवासी हैं लेकिन वो इटावा में रहे हैं। पिछड़ों में उनका काफी दबदबा माना जाता है। बघेल फिरोजबाद के जलेसर सीट से पहली बार विधायक बने थे।

उनके राजनीतिक सफर को देखें तो एसपी बघेल ने सपा संग शुरुआत की और बसपा से होते हुए बीजेपी में आए। बघेल मुलायम सिंह यादव और मोदी कैबिनेट में मंत्री रहे। वे सूबे की तीनों ही पार्टियों से सांसद रह चुके हैं। सत्य पाल बघेल दो बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा सदस्य रहे हैं।

बघेल यूपी की पुलिस सेवा में सब इंस्पेक्टर रहे। उस दौरान उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी मिली थी। इसके बाद 1989 में मुलायम सिंह यादव के यूपी सीएम बनने के बाद एसपी बघेल उनकी सुरक्षा में शामिल हो गए। यहीं से उनकी नजदीकियां सपा से बढ़ने लगी।

मुलायम सिंह के रहे करीबी: मुलायम सिंह यादव उनकी मेहनत और निडरता से काफी प्रभावित हुए। आगे चलकर मुलायम सिंह यादव ने बघेल को जलेसर सीट से सपा का उम्मीदवार बनाया। बघेल 1998 में पहली बार विधायक बने और मुलायम सिंह सरकार में मंत्री भी रहे। लेकिन सपा के साथ उनका याराना 2004 में सांसद रहने के दौरान टूट गया।

सपा से बसपा और भाजपा: बताया जाता है कि रामगोपाल यादव के साथ उनकी अनबन के चलते पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया। धनगर समाज से आने वाले बघेल ने इसके बाद बसपा का दामन थाम लिया। इसमें स्वामी प्रसाद मौर्य ने अहम भूमिका निभाई। 2010 में बसपा ने उन्हें राज्यसभा में भेजा और बाद में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव की अहम जिम्मेदारी भी दी। हालांकि 2014 में वो भाजपा में चले गये।

2014 में भाजपा ने उन्हें फिरोजाबाद सीट से रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव के खिलाफ टिकट दिया। लेकिन वो इस चुनाव में जीत हासिल ना कर सके। वहीं 2017 में भाजपा ने उन्हें टूंडला से टिकट दिया और वो जीते भी। इस जीत के बाद योगी सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया।

इसके बाद भाजपा ने 2019 लोकसभा चुनाव में उन्हें आगरा सीट से मैदान में उतारा। जीतने के बाद उन्हें मोदी कैबिनेट के विस्तार में केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया। गौरतलब है कि अब भाजपा ने उन्हें अखिलेश यादव के खिलाफ करहल विधानसभा सीट से उतारा है।