उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए चुनाव आयोग ने आगामी 15 जनवरी तक जनसभाओं पर रोक लगा दी है। इसके अलावा इस अवधि तक साइकिल, बाइक रैली और पदयात्राओं पर भी रोक रहेगी। बता दें कि यह फैसला कोरोना वायरस के बढ़त मामलो के चलते लिया गया है।
इस फैसले से जहां कई पार्टियों को जनसभा व रैली करने का मौका नहीं मिला तो वहीं भारतीय जनता पार्टी चुनाव आयोग की सख्ती से पहले ही बाजी मारती नजर आ रही है। बता दें कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही 250 से अधिक रैली कर चुके हैं तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यूपी के दर्जनभर से अधिक जिलों का दौरा कर चुके हैं।
399 से अधिक जनसभा: भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी के प्रमुख यूपी प्रचारक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पिछले कुछ महीनों में राज्य भर में कम से कम 250 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं। सीएम योगी समेत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी 19 दिसंबर से शुरू हुई पार्टी की जन विश्वास यात्राओं के दौरान रोड शो के साथ 399 से अधिक जनसभाओं और नुक्कड़ सभाओं को संबोधित किया है।
इसके अलावा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पिछले दो महीनों में कई अलग-अलग बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को शुरू करने और जनसभाओं को संबोधित करने के लिए यूपी के एक दर्जन से अधिक जिलों का दौरा कर चुके हैं।
पीएम मोदी की रैलियां: पीएम मोदी ने 20 अक्टूबर को कुशीनगर में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के उद्घाटन के साथ दौरे की शुरुआत की। उसके बाद सुल्तानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, महोबा, झांसी, बलरामपुर, शाहजहांपुर, नोएडा, कानपुर और लखनऊ का दौरा किया। उनकी अंतिम जनसभा 2 जनवरी को मेरठ में हुई। जहां उन्होंने मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी।
बता दें कि भाजपा ने 9 जनवरी को लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में अपनी जन विश्वास यात्रा के समापन पर एक भव्य जन विश्वास रैली की योजना बनाई थी, जिसमें पीएम मोदी भी शामिल होते। हालांकि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए पार्टी ने इस रैली को रद्द कर दिया।
भाजपा के कई दिग्गज कर चुके हैं जनसभा: पिछले दो महीनों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेता जनसभाएं और बूथ अध्यक्ष सम्मेलन कर चुके हैं।
इतना ही नहीं, इन जनसभाओं के साथ-साथ भाजपा ने वर्चुअल रैलियों की भी तैयारी कर ली थी। पार्टी सूत्रों ने कहा कि पार्टी कोरोना महामारी के कारण जनसभाओं व रैलियों पर इस तरह के प्रतिबंधों की उम्मीद पहले से ही कर रही थी।
सपा की तैयारी: समाजवादी पार्टी की बात करें तो पार्टी का अबतक का चुनावी अभियान यूपी के कई जिलों में समाजवादी विजय यात्रा को लेकर ही केंद्रित रहा। इसके अलावा सपा के सहयोगी दलों ने पिछले तीन महीनों में सात अलग-अलग जनसभाएं कीं और विभिन्न जिलों में बैठकें कीं। बता दें कि अखिलेश के नेतृत्व वाली विजय यात्रा 12 अक्टूबर को कानपुर से शुरू हुई थी। यह यात्रा पूर्वी यूपी, बुंदेलखंड और पश्चिमी यूपी के दो दर्जन से अधिक जिलों से होकर गुजरी।
बसपा का हाल: बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष व यूपी की पूर्व सीएम मायावती अभी सार्वजनिक रैलियों को संबोधित करने के लिए बाहर निकलना है। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव एससी मिश्रा एकमात्र पार्टी नेता हैं, जिन्होंने अब तक राज्य भर में जिला स्तर पर सभी आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों और जनसभाओं में सम्मेलन आयोजित किए हैं।
कांग्रेस के कार्यक्रम: कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी के विभिन्न हिस्सों में “लड़की हूं, लड़ सकती हूं” अभियान के तहत लड़कियों और महिलाओं के लिए मैराथन का आयोजन किया है। अब तक, ये मैराथन मेरठ, झांसी, लखनऊ और बरेली में आयोजित किए गए। यहां तक कि पार्टी ने आजमगढ़, वाराणसी और नोएडा में अपने कार्यक्रम को कोरोनोवायरस के बढ़ते मामलों के कारण रद्द कर दिया।