यूपी विधानसभा चुनाव की शुरुआत 10 फरवरी से होनी है। ऐसे में भाजपा के तमाम बड़े दिग्गज नेता अपने चुनावी अभियान को धार देने में लगे हुए हैं। इस कड़ी में केंद्रीय मंत्री गृह मंत्री अमित शाह ने बीते शनिवार को कैराना में अपना घर-घर चुनाव प्रचार अभियान शुरू किया। इस दौरान अमित शाह ने कैराना के उन हिंदू परिवारों से मुलाकात की जो 2017 से पहले कथित रूप से ‘पलायन’ कर चुके थे।

ड्रग्स की वजह से पलायन: बता दें कि शाह ने अपने अभियान में 53 वर्षीय लोकेश खटीक और उनके परिवार से भी मुलाकात की। लोकेश पिछले तीन दशकों से खुरगन रोड पर एक छोटी सी चाय की दुकान चला रहे हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि उनके बेटे ने ड्रग्स लेना शुरू कर दिया था। इस लत की वजह से पूरा परिवार परेशान था। ऐसे में उन्होंने कैराना छोड़ दिया था।

उन्होंने कहा कि अपने बेटे के जीवन को बचाने के लिए हम परिवार सहित 2013 में पानीपत चले गए थे। फिर बाद में 2018 में लौट आए। लेकिन जिन्होंने मेरे बेटे को ड्रग्स का सेवन करने के लिए मजबूर किया उन्हें आजाद देख मुझे दुख होता है।

हत्या होने से पीड़ित परिवार ने छोड़ा कैराना: इस कड़ी में वरुण सिंघल के परिवार से भी अमित शाह ने मुलाकात की। वरुण के बड़े भाई विनोद सिंघल की अगस्त 2014 में कथित तौर पर जबरन वसूली करने वालों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस दौरान विनोद सिंघल एक किराने की दुकान के बाहर बैठे थे।

वरुण ने बताया कि भाई की कथित हत्या के तुरंत बाद हम शहर से चले गए। लेकिन यूपी में योगी सरकार आने से दो साल पहले 2015 में वापस आ गए। उन्होंने कहा कि “मेरे भाई की हत्या के बाद लगभग सभी बड़े नेता हमारे परिवार मिलने आए। उनकी तरफ से हमें आर्थिक मदद का आश्वासन दिया गया। यहां तक ​​कि योगी जी भी कैराना यात्रा के दौरान मेरे घर आए थे। लेकिन वित्तीय मदद के नाम पर अब तक आश्वासन ही मिला है।

रंगदारी से पलायन का माहौल: अमित शाह ने अपने दौरे पर राजकुमार सिंघल के परिवार से भी मुलाकात की। राजकुमार कैराना में बिजली की दुकान चलाते हैं। उन्होंने कहा कि वह कभी भी माइग्रेट नहीं हुए, लेकिन ऐसा करने के लिए उनके दिमाग में ख्याल जरूर आया था। राजकुमार ने कहा कि अराजकता और बढ़ती रंगरादी के चलते मैंने शामली में एक घर भी खरीदा था। लेकिन इससे पहले कि मैं वहां शिफ्ट होता यूपी में भाजपा सरकार सत्ता में आ गई और सभी ने मुझसे कहा कि मुझे रुकना चाहिए। जिसके बाद से मैं नहीं गया।

कैराना में ‘सादू मिठाई’ की दुकान के मालिक राकेश गर्ग से भी अमित शाह ने मुलाकात की। राकेश से 2014 में किसी ने उनसे 20 लाख रुपये की जबरन वसूली करने की कोशिश की गई। जिसके बाद गर्ग कैराना छोड़कर चले गए। उन्होंने कहा कि हालांकि 2017 के बाद वो लौट आए।

बता दें कि कैराना से भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने साल 2016 में आरोप लगाया था कि राजनीतिक संरक्षण के चलते अपराधियों के डर से, लगभग 250 हिंदू परिवार अपनी संपत्तियों को छोड़कर शहर से पलायन कर गए। वहीं योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद भाजपा कैराना में “परिवर्तन” को अपनी प्रमुख उपलब्धियों में गिना रही है और चुनाव में इसका लाभ लेने की कोशिश में है।

दरअसल भाजपा का आरोप है कि सपा सरकार में कैराना से बड़ी संख्या में लोगों का पलायन हुआ था। ऐसे में भाजपा कैराना को 2022 के चुनाव में काफी महत्वपूर्ण मान रही है। बता दें कि अमित शाह ने दावा किया कि इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रदेश की 403 सीटों में से 300 सीटें जीतेगी।