पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान गृह मंत्री अमित शाह बगैर मास्क के प्रचार करते दिखे तो सुभासपा नेता ओपी राजभर ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव आयोग को शाह का बगैर मास्क के चेहरा नहीं दिख रहा है क्या। उनके खिलाफ एक्शन क्यों नहीं होता। राजभर का कहना था कि शाह घर-घर जाकर कोरोना फैला रहे हैं। लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं हो रही। जबकि दूसरे नेताओं पर कोरोना प्रोटोकॉल के तहत केस दर्ज किए गए हैं। राजभर ने आरोप लगाया है कि आयोग दोहरे मानदंड अपना रहा है।

राजभर ने एक बार फिर से अखिलेश को सीएम बनाने की बात को दोहराते हुए कहा कि यूपी में अखिलेश यादव के नेतृत्व में सरकार बनने जा रही है। इसे देखकर बीजेपी बौखला रही है। यही वजह है कि बीजेपी नेता अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं। चुनाव को हिंदू-मुस्लिम करने की कोशिश की जा रही है। राजभर ने आगे कहा कि बीजेपी चाहें कुछ भी कर ले, लेकिन जनता ने उसे बाहर का रास्ता दिखाने का मन बना लिया है।

सपा गठबंधन में चल रही खींचतान को लेकर राजभर ने कहा कि ये बातें मनगढ़ंत हैं। थोड़ी बहुत चीजें ऊपर नीचे कहां नहीं होतीं। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव सब कुछ ठीक कर लेंगे। वो उनके साथ लगातार विचार-विमर्श करके सहयोगी दलों के साथ समन्वय स्थापित करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। राजभर ने कहा कि ये सारी बातें बीजेपी की तरफ से उड़ाई जा रही हैं।

आगे राजभर ने कहा कि यूपी में जिस तरफ ओबीसी गया है, उसकी सरकार बनी है। इस बार 38 प्रतिशत दलितों का वोट अखिलेश के साथ हैं। यही वजह है कि 2022 में अखिलेश यादव आ रहे हैं। ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि हम किंगमेकर हैं। पिछले 70 सालों का इतिहास रहा है, जिसको पिछड़ों ने चाहा है उसको गद्दी मिली है।

सुभसपा प्रमुख ने कहा कि 38 फीसदी अति पिछड़ा और अति दलित वोट जब करवट लेता है तो सरकार बदल जाती है। यह वर्ग समाजवादी पार्टी के साथ था, तो उसकी सरकार बनी। बसपा के साथ था तो उसकी सरकार बनी और जब बीजेपी के साथ था तो उसे सत्ता में लाया। अब ये अखिलेश के साथ आ गया है।