यूपी की योगी सरकार अपने कार्यकाल में माफिया और उनके अवैध कब्जे को लेकर सख्त नजर आई है। अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने को लेकर योगी सरकार की काफी चर्चा भी होती है। ऐसे में एक कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि माफियाओं का सफाया करने के लिए ही उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया है।

गोरखपुर में माफियाराज की कहानी बताई: अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के ‘डेस्टिनेशन यूपी कॉन्क्लेव’ में सीएम योगी ने बताया कि कैसे सपा सरकार में गोरखपुर में माफियाओं का बोलबाला रहता था। एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि 2006 की बात, गोरखपुर में मुझे एक अमीर व्यवसायी का फोन आया। गोरखपुर में उनका काफी सम्मान था।

योगी ने बताया कि व्यवसायी ने मुझसे फोन पर कहा कि मेरे घर पर एक मंत्री कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद मैंने तमाम आलाधिकारियों से बात की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में मैं उस जगह पर पहुंचा तो देखा वहां सामानों को घर के बाहर फेंका जा रहा था। परिजन रो रहे थे।

भीड़ बदमाशों पर टूट पड़ी: उन्होंने बताया कि, मैंने घर पर कब्जा कर रहे बदमाशों से कहा कि आखिर जब मकान मालिक ने घर ही नहीं बेचा तो कोई इसे कब्जा कर सकता है। इस दौरान लोगों की भीड़ चुपचाप सब देख रही थी। मैंने माफिया से बात करनी चाही तो उसने मेरे चेहरे की तरफ कुछ पेपर उछाले। इसके बाद मैंने भीड़ से कहा कि पीटो इसे। जिसके बाद वहां मौजूद भीड़ बदमाशों पर टूट पड़ी और वो भाग खड़े हुए।

सीएम योगी ने कहा कि आज भी अगर किसी माफिया ने किसी कमजोर व्यक्ति की संपत्ति या सार्वजनिक संपत्ति पर कब्जा करने की कोशिश की तो मैं फिर बुलडोजर चलवाने की कार्रवाई करूंगा।

माफिया का धर्म और जाति नहीं होती: सीएम योगी का कहना है कि माफिया तो माफिया होता है। उसकी कोई जाति या उसका कोई धर्म नहीं होता है। उसे किसी समुदाय से नहीं जोड़ना चाहिए। वो समाज का दुश्मन होता है और वह कोरोना वायरस से भी खतरनाक होता है।