उत्तर प्रदेश में भाजपा की रिकॉर्ड जीत के एक दिन बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मतदाताओं को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही कहा कि उन्होंने दिखाया है कि भाजपा की सीटों को कम किया जा सकता है। शुक्रवार सुबह ट्विटर पर अखिलेश ने कहा कि वह राज्य के मतदाताओं के आभारी हैं कि उन्होंने सीटों की संख्या में ढाई गुना और उनके वोट शेयर में डेढ़ गुना वृद्धि की।
चुनाव नतीजे आने के बाद अपनी पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया में अखिलेश ने कहा, “हमने दिखाया है कि भाजपा की सीटों को घटाया जा सकता है। भाजपा का ये घटाव निरंतर जारी रहेगा। आधे से ज्यादा भ्रम और छलावा दूर हो गया है बाकी कुछ दिनों में हो जाएगा। जनहित में संघर्ष जारी रहेगा।” भाजपा और उसके सहयोगियों ने राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य यूपी में 403 सीटों में से कुल 273 सीटें जीतीं। हालांकि, उसे 2017 के मुकाबले 49 सीटें कम मिली हैं।
अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी सपा ने 111 सीटों पर जीत दर्ज की। सुभासपा समेत अन्य दलों के साथ उसके गठबंधन ने 125 सीटें हासिल की। 2017 के मुकाबले उसे 73 सीटों का फायदा हुआ है। वोट शेयर के मामले में समाजवादी पार्टी भाजपा के 41 प्रतिशत के मुकाबले 32 प्रतिशत वोट हासिल करने में सफल रही।
करहल से जीते अखिलेश यादव- मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट पर अखिलेश यादव ने बीजेपी उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को 67,504 वोटों के अंतर से आसानी से हराया। अखिलेश को 1,48,196 वोट (60.12%) मिले, जबकि बघेल को 80,692 वोट (32.74%) मिले। गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बघेल के लिए प्रचार किया था।
मुलायाम ने किया था प्रचार- बसपा उम्मीदवार कुलदीप नारायण को केवल 15,701 वोट (6.37%) मिले, जबकि 1,909 लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया। अखिलेश के मैदान में उतरने से मैनपुरी के यह सीट वीवीआईपी सीट बन गया था। उनके पिता और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का लोकसभा क्षेत्र है। बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री और आगरा के सांसद बघेल को अखिलेश के खिलाफ मैदान में उतराकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया। बघेल के काफिले पर एक कथित हमले ने मुकाबले को सुर्खियों में ला दिया। मुलायम ने कुछ ही निर्वाचन क्षेत्रों में सपा के लिए प्रचार किया और करहल उनमें से एक था।