Lok Sabha Election 2019: आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा बीते एक सप्ताह के अंदर मध्य प्रदेश के अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में भी विभिन्न राजनेताओं तथा उनके करीबी सहयोगियों के खिलाफ कथित तौर पर अवैध रूप से एकत्र की गयी संपत्ति और पैसे की तलाशी के लिये छापेमारी की गई है। इस कार्रवाई को कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों ने सत्तारूढ़ भाजपा के उकसावे पर की गई कार्रवाई बताया है। वहीं, विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “ये छापेमारी एजेंसी अपने इनपुट के आधार पर कर रही है। इसमें केंद्र सरकार का किसी तरह का हाथ नहीं है। सरकार को दोष देना गलत बात है। ऐसा कई वर्षों से हो रहा है, आज अचानक तो शुरू नहीं हुआ है। इसके पीछे की तरह की राजनीतिक शक्ति का इस्तेमाल नहीं किया गया है। देश में आचार संहिता लागू है। हम क्या करें?”

राजनाथ सिंह ने कहा, “आज जो एजेंसी रेड कर रही है, वो पहले भी करती रही हैं। उनके उपर आचार संहिता लागू नहीं होता है। जहां से उन्हें जो इनपुट मिलता है, उस आधार पर वे कार्रवाई करते हैं। हम उनको कैसे रोके। यदि किसी ने गलत पैसा इकट्ठा कर रखा है, गलत तरीके से उसका उपयोग करना चाहता है, तो ऐसे में ये स्वतंत्र संगठन अपनी-अपनी जिम्मेदारी संभालते हुए कार्रवाई कर रहे हैं। इस छापेमारी को लेकर केंद्र सरकार को दोष देना उचित नहीं होगा और सरकार के साथ न्याय भी नहीं होगा। यह एक सतत प्रक्रिया है। यदि कोई मानता है कि किसी के कहने पर हो रहा है, यह कहना न्यायसंगत नहीं होगा। गृहमंत्रालय सिर्फ उपलब्धता के आधार पर केंद्रीय सुरक्षाकर्मियों को सहायता के लिए भेजता है।”

चुनाव आयोग ने लिया संज्ञान: चुनाव आयोग ने आयकर विभाग की पिछले दो दिनों से जारी छापेमारी को कांग्रेस द्वारा सत्तारूढ़ भाजपा के उकसावे पर की गयी कार्रवाई बताये जाने संबंधी आरोपों पर संज्ञान लेते हुय राजस्व सचिव और केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष से विस्तृत जानकारी मांगी है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है आयकर विभाग की छापेमारी, चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का नतीजा है।

सूत्रों के अनुसार आयोग ने आयकर विभाग और सीबीडीटी की पिछले दो दिनों से चल रही छापेमारी पर संज्ञान लेते हुये राजस्व सचिव ए बी पांडे और सीबीडीटी के अध्यक्ष पी सी मोदी को मंगलवार को आयोग में उपस्थित होकर इस मामले में विस्तृत जानकारी देने को कहा है। इससे पहले रविवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई के बाद भी आयोग ने वित्त मंत्रालय को इस बारे में सख्त परामर्श जारी किया था। इसमें आयोग ने मंत्रालय से उसकी जांच एजेंसियों की चुनाव के दौरान कोई भी कार्रवाई ‘निष्पक्ष’ और ‘भेदभाव रहित’ होने की ताकीद की थी। साथ ही आयोग ने आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुये इस तरह की कार्रवाई से पहले आयोग से भी संपर्क करने को कहा था।

आयकर विभाग मध्य प्रदेश के अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में भी विभिन्न राजनेताओं तथा उनके करीबी सहयोगियों के खिलाफ कथित तौर पर अवैध रूप से एकत्र की गयी संपत्ति और धनराशि की तलाशी के लिये छापेमारी कर चुका है। दस मार्च से आदर्श आचार संहिता लागू किये जाने के बाद आयकर विभाग की छापेमारी में आई तेजी को देखते हुये आयोग ने इस पर संज्ञान लिया है।

आयकर विभाग ने सोमवार को खुलासा किया कि कमलनाथ के सहयोगियों के ठिकानों पर की गयी छापेमारी में अवैध रूप से एकत्र की गयी 281 करोड़ रुपये नकदी बरामद की गयी। इसके अलावा सीबीडीटी ने भी एक प्रमुख राजनीतिक दल के दिल्ली स्थिति मुख्यालय पर एक वरिष्ठ राजनेता के तुगलक रोड स्थित आवास से 20 करोड़ रुपये भेजे जाने की सूचना पर कार्रवाई किये जाने की जानकारी दी है। (भाषा इनपुट के साथ)