SP-BSP Alliance: लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को मात देने के लिए शनिवार (12 जनवरी) को उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गठबंधन का आधिकारिक ऐलान हो गया। दोनों ही दल 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और आम चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी इनका गठबंधन जारी रहेगा।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित ताज होटल में हुई साझा प्रेस वार्ता में बसपा सुप्रीमो ने गठबंधन का ऐलान करने के बाद कहा कि हम (बसपा और सपा) 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। हमने दो सीटें अन्य पार्टियों के लिए छोड़ी हैं, जबकि अमेठी और रायबरेली सीट कांग्रेस के लिए शेष रखी है।
उनके बाद सपा अध्यक्ष ने कहा कि गठबंधन के जरिए वे बीजेपी का अहंकार तोड़ेंगे। मायावती को प्रधानमंत्री पद पर समर्थन देने के सवाल पर अखिलेश ने कहा, “आपको पता है मेरा चुनाव क्या होगा। यूपी ने पूर्व में कई प्रधानमंत्री दिए हैं और इतिहास फिर से दोहराया जाएगा।”
यहां देखें प्रेस वार्ता-
#WATCH: BSP Chief Mayawati and Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav address a joint press briefing in Lucknow https://t.co/tVzUqZAclX
— ANI (@ANI) January 12, 2019
प्रेस वार्ता के दौरान बसपा में सभी वरिष्ठ नेताओं में पार्टी के प्रति एकजुटता देखने को मिली, पर सपा में कुछ वरिष्ठ नेताओं को छोड़कर युवा कार्यकर्ताओं बोलबाला दिखा। प्रेस वार्ता के दौरान कई वरिष्ठ नेता नदारद रहे।
अखिलेश के मुताबिक, बीजेपी के पांच साल की सरकार ने अत्याचार की सारी हदें पार कर दीं। बेकसूर लोगों के एनकाउंटर किया जा रहे हैं। जातियों में इंसान ही नहीं भगवान को भी बांटा जा रहा है। केंद्र सरकार की गलत नीतियों से किसान आत्महत्या कर रहा है। बीजेपी के अत्याचार से आम जनता को मुक्त कराने के लिए यह गठबंधन है।
सपा-बसपा गठबंधन की बागडोर मायावती संभाल सकती हैं। प्रेस वार्ता शुरू करने के लिए अखिलेश ने मायावती को आगे किया था, जबकि अपने भाषण में सपा अध्यक्ष ने साफ किया, "मायावती का अपमान उनका (अखिलेश का) अपमान होगा।
मायावती ने कहा कि अमेठी और रायबरेली की लोकसभा सीट कांग्रेस के साथ गठबंधन किए बिना ही पार्टी के लिए छोड़ दी हैं, ताकि बीजेपी के लोग कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष को यहीं उलझा कर न रख सकें।
बकौल बसपा सुप्रीमो, "बोफोर्स से कांग्रेस और राफेल से बीजेपी ने रक्षा खरीद में भारी घोटाला किया। यह रक्षा घोटाला ही बीजेपी भाजपा को भारी पड़ने वाला है।" उनके मुताबिक, उत्तर प्रदेश व देश की जनता बीजेपी से परेशान है और चुनावी वादों की नाकामी से सभी परेशान है। सर्वसमाज को आदर देते हुए हम चुनावी गठबंधन कर रहे है। 2019 के लिए यह नई राजनीतिक क्रांति होगी ।
कहा कि यह प्रेस वार्ता पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की नींद उड़ाने वाली है। हमारे गठबंधन से देश को बहुत उम्मीदें हैं। यह बीजेपी को केंद्र में आने से रोक सकता है। गठबंधन राजनीतिक क्रांति का संदेश देगा। वह बोलीं, "हमारे लिए लखनऊ गेस्ट हाउस कांड से ऊपर देशहित है। हमने (बसपा-सपा) ने आने वाले लोकसभा चुनावों को साथ मिलकर लड़ने का फैसला लिया है। देश में इससे नई राजनीतिक क्रांति आएगी।"
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती की साझा प्रेस वार्ता शुरू हो चुकी है। दोनों नेता अपनी जगह संभाल चुके हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कॉन्फ्रेंस में अखिलेश के साथ मुलायम सिंह को भी शामिल होना था, पर मुलायम नहीं पहुंचे।
इससे पहले, कॉन्फ्रेंस के बैनर-पोस्टर में मुलायम-कांशीराम का फोटो न होने से दोनों ही पार्टी के कुछ पुराने कार्यकर्ता नाराज हो गए। टीवी रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि ये दोनों लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन का आधिकारिक ऐलान करेंगे, पर सीटों के बंटवारे को लेकर किसी प्रकार की घोषणा नहीं होगी।
दोनों दलों ने पिछले साल मार्च में सार्वजनिक मंच पर गठबंधन को लेकर बात की थी। बाद में लोकसभा के तीन उपचुनावों व एक राज्य के विधानसभा उपचुनाव में प्रयोग के तौर पर गठबंधन किया भी था। नतीजतन बीजेपी गठबंधन के सामने सभी सीटें हार गई थी।
लखनऊ में इस साझा कॉन्फ्रेंस को लेकर सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। अखिलेश यादव घर से निकल चुके हैं, जबकि सतीश चंद्र मिश्रा ने कॉन्फ्रेंस से पहले होटल ताज पहुंचकर बंदोबस्त का जायजा लिया। वहीं, सपा के किरणमय नंदा और जूही सिंह भी होटल पहुंच चुके हैं। धर्मेंद्र यादव और राजेंद्र चौधरी भी कार्यक्रमस्थल पर उपस्थित हैं।