भाजपा के कद्दावर नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने गृह क्षेत्र विदिशा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वह गुरुवार को प्रचार अभियान में उतरे। उन्होंने भोपाल से गंजबासौदा (विदिशा का एक रेलवे स्टेशन) पहुंचने के लिए सेकंड क्लास कोच में ट्रेन से यात्रा की। शिवराज चौहान एमपी के चार बार के मुख्यमंत्री रहे। 65 वर्षीय शिवराज चौहान दो दशकों के बाद लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरे हैं। वह भाजपा के गढ़ विदिशा से चार बार सांसद रहे हैं, जिसका प्रतिनिधित्व पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1991) और सुषमा स्वराज ने 2009 और 2014 में किया था।
मेरी कर्मभूमि है विदिशा- शिवराज
शिवराज चौहान ने भोपाल-बिलासपुर ट्रेन के स्लीपर क्लास में कहा, “मैं तब से ट्रेन से यात्रा कर रहा हूं जब मैं सांसद था। मेरा दिल ख़ुशी से भर गया है। मैं गंजबासौदा जा रहा हूं, जो मेरी कर्मभूमि है। मेरे लोगों के साथ पारिवारिक संबंध हैं और मैं उन सभी से मिलने के लिए फिर से वहां जा रहा हूं।” शिवराज के साथ उनकी पत्नी साधना भी थीं। विदिशा दशकों से भाजपा का पारंपरिक गढ़ बना हुआ है। कांग्रेस 1967 के बाद से केवल दो बार (1980 और 1984) इसे जीतने में सफल रही है।
कांग्रेस ने अभी तक लोकसभा चुनावों के लिए विदिशा से अपने उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है। शिवराज चौहान ने तीन दिन पहले अपने अभियान की शुरुआत की, जब उन्होंने इच्छावर का दौरा किया, जहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने स्थानीय मिठाई मावा बाटी खाई और स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की। अपनी ट्रेन यात्रा के दौरान शिवराज चौहान ने एक बच्चे से बातचीत की, जो उनकी गोद में बैठा था और अन्य यात्रियों से भी बातचीत की। उन्होंने सलामतपुर, सांची, विदिशा, गुलाबगंज और गंजबासौदा रेलवे स्टेशनों पर बड़ी संख्या में आये हुए भाजपा कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की।
भीड़ ने किया शिवराज का स्वागत
गंजबासौदा में शिवराज चौहान का एक हॉल में उमड़ी भारी भीड़ ने स्वागत किया। उन्होंने झुककर भीड़ का स्वागत किया और व्यवस्था में कमी के लिए माफी मांगी। उन्होंने कहा, “बहुत दिनों के बाद मुझे सभी को गले लगाने का मौका मिला है। जो लोग सेल्फी नहीं ले सके, वे चिंता न करें। कई भतीजे-भतीजियां ‘मामा सेल्फी, सेल्फी’ कहते रहते हैं। पांच साल तक मैं आपके बीच ही रहूंगा, आप चिंता क्यों कर रहे हैं।”
लाडली बहना का किया जिक्र
शिवराज चौहान को राज्य में ‘मामा’ के नाम से जाना जाता है। तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज चौहान ने नवंबर 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के अभियान का नेतृत्व किया था, इस दौरान उन्होंने 160 से अधिक रैलियों को संबोधित किया था। उनका प्रचार महिलाओं के लिए उनकी कल्याणकारी योजनाओं, विशेष रूप से लाडली बहना योजना (1250 रुपये महीना) पर आधारित था, जो कई लोगों का मानना है कि चुनावों में भाजपा की बड़ी जीत के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण था।
हालांकि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने शिवराज चौहान की जगह तीन बार के उज्जैन विधायक मोहन यादव को सीएम बनाया। शिवराज चौहान 2005 में पहली बार सीएम बने थे और दिसंबर 2018 तक तीन कार्यकाल तक अपने पद पर बने रहे। इसके बाद मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस से बगावत के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई और फिर से बीजेपी की सरकार बनी, शिवराज चौथी बार सीएम बने। मुख्यमंत्री के रूप में इतने लंबे कार्यकाल के बाद उनकी लोकसभा उम्मीदवारी के बारे में पूछे जाने पर शिवराज चौहान ने कहा, “मेरा जीवन एक मिशन है। जीवन का उद्देश्य देश और जनता के लिए काम करना है।”
अपने प्रचार अभियान के दौरान शिवराज ने फिर से अपनी सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र किया। शिवराज चौहान ने गंजबासौदा में ‘लाडली बहना सभा’ को संबोधित करते हुए कहा, ”मैं जानता हूं मेरी बहनों, आपके जीवन में कितनी कठिनाइयां हैं। तभी मुझे लगा कि मुझे कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे आपके जीवन की मुश्किलें कम हो जाएं। इसलिए लाडली बहना योजना शुरू की गई और हर बहन को हर महीने पैसा मिलेगा। यह लाडली बहना आपके जीवन को बदलने का एक प्रयास है। एक सांसद के रूप में मैं अपनी बहनों को लखपति बहन बनाने की दिशा में काम करूंगा।”
जीत का है पूरा भरोसा- शिवराज
शिवराज चौहान ने कहा कि उन्हें जीत का भरोसा है क्योंकि लोगों के साथ उनका ‘दिलों का रिश्ता’ है। उन्होंने विपक्षी इंडिया गठबंधन पर भी निशाना साधा और इसे एक ऐसा गुट बताया जो कथित तौर पर ‘खुद को जेल जाने से बचाने’ के इरादे से एक साथ आया है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का सफाया हो गया और उनकी यात्रा ‘कांग्रेस छोड़ो यात्रा’ में बदल गई। शिवराज ने कहा, “राहुल देश, उसके लोगों, परंपराओं और मूल्यों को नहीं समझते हैं। वह भारत और यहां के लोगों की राजनीति को नहीं जानते।’ इसीलिए कांग्रेस बिखर रही है।”