मध्य प्रदेश के भोपाल से भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है, जिस पर विवाद हो गया है। दरअसल साध्वी प्रज्ञा ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बता दिया है। साध्वी प्रज्ञा ने गुरुवार को देवास से भाजपा उम्मीदवार महेंद्र सोलंकी के पक्ष में अगार शहर में एक रोडशो किया। इसी रोडशो के दौरान न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि “नाथूराम गोडसे जी देशभक्त थे, हैं और रहेंगे….उनको आतंकवादी कहने वाले लोग स्वयं के गिरेबान में झांककर देखें। चुनाव में ऐसे लोगों को जवाब दे दिया जाएगा।” साध्वी प्रज्ञा ने यह बयान अभिनेता से नेता बने कमल हासन के उस बयान पर प्रतिक्रिया में दिया, जिसमें कमल हासन ने कहा था कि ‘आजाद भारत का पहला कट्टरपंथी हिंदू था और उसका नाम नाथूराम गोडसे था।’
वहीं विपक्षी पार्टियों ने साध्वी प्रज्ञा के इस बयान को लेकर भाजपा को निशाने पर ले लिया। हंगामा बढ़ता देख भाजपा ने भी तुरंत अपने आप को इससे अलग कर लिया और इस बयान को साध्वी प्रज्ञा की निजी राय बता दिया। साध्वी प्रज्ञा के विवादित बयान पर भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा ने अपने एक बयान में कहा कि ‘हम उनके (साध्वी प्रज्ञा) महात्मा गांधी संबंधी बयान से बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं। हम इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। पार्टी जल्द ही उनसे इस संबंध में सफाई मांगेगी। उन्हें अपने इस बयान के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए।’वहीं मध्य प्रदेश के भाजपा प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धि ने द इंडियन एक्सप्रेस के बातचीत में कहा कि यह उनका निजी बयान है। भाजपा नेता ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा को अभी अनुभव की कमी है।
जिसके बाद गुरुवार रात को साध्वी प्रज्ञा ने एक वीडियो बयान जारी कर अपने बयान के लिए माफी मांगी। इस वीडियो में साध्वी ने बयान को अपनी निजी राय बताया और कहा कि ‘मैं महात्मा गांधी की इज्जत करती हूं। देश के लिए उनका योगदान कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। यदि मेरे बयान से किसी भी भावनाएं आहत हुई हैं, तो मैं माफी मांगती हूं।’ भाजपा नेता ने यह भी कहा कि उनकी मंशा किसी को दुखी करने की नहीं थी। उन्होंने दावा किया कि उनके बयान को गलत समझा गया।
वहीं विपक्षी पार्टियों ने साध्वी प्रज्ञा को लेकर भाजपा और पीएम मोदी पर निशाना साधा। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि यह साफ हो गया है कि भाजपा के लोग, गोडसे के वंशज हैं। भाजपा के लोग कहते हैं कि गोडसे एक देशभक्त थे और शहीद हेमंत करकरे एक देशद्रोही! हिंसा की संस्कृति और शहीदों का अपमान, भाजपा के डीएनए में है। यह गांधीवादी सिद्धांतों का अपमान करने की साजिश है। यह एक अक्षम्य अपराध है, जिसे देश कभी भी माफ नहीं करेगा। यदि मोदी जी में थोड़ी भी बुद्धिमानी है तो उन्हें प्रज्ञा ठाकुर को दंडित करना चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए। वहीं साध्वी प्रज्ञा के गोडसे को लेकर दिए गए बयान पर चुनाव आयोग ने भी रिपोर्ट मांगी है।