Sachin Pilot On Dispute With Ashok Gehlot: राजस्थान में विधानसभा चुनाव प्रचार का आज अंतिम दिन है। कांग्रेस और बीजेपी पूरी कोशिश कर रही है कि वो किसी भी तरह अंतिम छोर पर खड़े मतदाता को अपने पाले में ला सके। इसी बीच एक बड़ा सवाल कांग्रेस की अंदरूनी कलह से उभरता है, जो 2020 में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच पैदा हुआ था, जिसको शांत कराने के लिए कांग्रेस हाईकमान को दोनों नेताओं से बात करनी पड़ी थी।
सचिन पायलट इस तरह नाराज थे कि लोग कयास लगाने लगे थे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह कहीं वो भी बीजेपी का दामन न थाम लें या फिर अपनी अलग पार्टी बना लेंगे। हालांकि, इन सब अफवाहों और कयासों को दरकिनार करते हुए सचिन पायलट एक बार फिर से कांग्रेस के वफादार सिपाही बनकर उभरे। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर जनसत्ता.कॉम ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट से कई मुद्दों पर बात की।
2020 में अशोक गहलोत के साथ आपकी तकरार खत्म हो गई है या फिर कोई खामोशी अभी भी है?
इस सवाल के जवाब में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने कहा, ‘खड़गे जी और राहुल जी ने मुझे बैठाकर कहा कि माफ करो, भूलो और आगे बढ़ो। अब हमें आगे बढ़ना है। इस देश को एक मजबूत कांग्रेस की जरूरत है और कांग्रेस कब मजबूत होगी, जब हम चुनाव जीतेंगे और हम चुनाव कब जीतेंगे, जब हम एकजुट होकर लड़ेंगे। इसी पर हम सभी का फोकस है।’
अगर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आई तो सीएम कौन होगा?
सचिन पायलट ने कहा, ‘इसका जवाब हम 3 दिसंबर के बाद ही दे पाएंगे। हमारी पार्टी कभी भी सीएम फेस घोषित नहीं करती है। जब हम चुनाव जीतते हैं, बहुमत मिलता है, सब विधायक बैठते हैं, उसके बाद पार्टी के माध्यम से निर्णय लिया जाता है कि किसको, क्या जिम्मेजारी दी जाएगी। अभी तो हमारा आब्जेक्टिव है कि कैसे बहुमत लाएं और आंकड़ा हमारा 100 से पार कैसे करे। उसके बाद किसको, क्या जिम्मेदारी देनी है? यह पार्टी का काम है।’
टोंक में आपने क्या बड़े काम किए?
पायलट ने कहा, ‘मैंने जो काम किए हैं, यह मेरे क्षेत्र की जनता जानती है। इसका पूरा रिपोर्ट कार्ड भी जनता के सामने है। वो 25 तारीख को खुद फैसला करेगी। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में मैंने वो सब काम किए जो पहले कभी नहीं हुए और न ही यहां की जनता ने देखे। मुझे पूरा भरोसा है कि अच्छा बहुमत मिलेगा और हर धर्म, जाति से वोट मिलेगा। कुछ लोग इसमें अड़चन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वो इसमें सफल नहीं होंगे।’
सचिन पायलट नासिर-जुनैद मुद्दे पर चुप क्यों रहे?
इस सवाल के जवाब में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘हम कानून के साथ हैं, अन्याय के खिलाफ हैं। मजहब, धर्म और राजनीति कानून के आड़े नहीं आनी चाहिए। हमने इंसाफ दिलाने के लिए हर संभव कोशिश की है और पहले भी की है और आगे भी करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि हो सकता कि कुछ लोग इसे सियासी मोड़ देना चाहें। हमने जुल्म और अत्याचार के खिलाफ पहले संघर्ष किया और आगे भी करते रहेंगे।’
टोंक से चुनाव लड़ना क्यों चुना?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमारी नेशनल पार्टी है। व्यक्तिगत कोई फैसला नहीं होता है। पार्टी निर्णय करती है कि किस नेता को कहां से लड़ना है। किसको लोकसभा चुनाव लड़ाना है और किसको विधानसभा चुनाव लड़ाना है, जो भी पार्टी का निर्णय होता है, उसे सभी स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि पिछली बार पार्टी ने मुझे यहां से लड़ने का आदेश दिया था, तब कांग्रेस ने पूरे राजस्थान में दूसरी सबसे बड़ी जीत टोंक से दर्ज की थी। इस जीत का श्रेय जनता को जाता है। पायलट ने कहा कि जब इतनी बड़ी जीत हुई तो जाहिर सी बात है कि जनता का कुछ भरोसा है मेरे ऊपर, लेकिन इस बार की जीत उससे ज्यादा बड़ी होगी।’
अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान आप जयपुर ज्यादा, टोंक कम रहे?
सचिन पायलट ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि इसका जनता जवाब देगी। हमने जो यहां पर काम किया है, उसको लोगों ने खुले मन से स्वीकार किया है। हमारी पार्टी की नीतियों पर जनता ने भरोसा जताया है। पांच साल में इतना विकास कभी नहीं हुआ, जितना पिछले पांच साल में हुआ है। सचिन पायलट ने कहा कि हो सकता है कि आप जिनसे मिले हों वो किस पार्टी के समर्थन में होंगे, मैं नहीं जानता।’
राजस्थान में कौन जीत रहा है?
सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत से सरकार बनेगी।