Rajasthan Assembly Elections: राजस्थान विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। सूबे में 23 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि नतीजे तीन दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। राज्य में दो ही पार्टियों (कांग्रेस-बीजेपी) के बीच मुख्य मुकाबला है। ऐसे में हम राज्य में हुए 2018 के विधानसभा चुनाव के परिणामों पर नजर दौड़ाएं तो बीजेपी और कांग्रेस में जीत का अंतर सिर्फ 27 सीटों का था। जबकि 38 सीटें ऐसी थीं, जहां बहुत ही करीबी मामला रहा।

2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि बीजेपी को 73 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। इसके अलावा बीएसपी को 6, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया को 2, भारतीय ट्रायबल पार्टी को 2, राष्ट्रीय लोकदल को एक, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को 3 और निर्दलीयों को 13 सीटों पर जीत मिली थी। इस चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन बहुमत से एक कदम पीछे थी। कांग्रेस को 99 सीटें मिली थीं, जबकि बहुमत के लिए 100 सीटें जरूरी हैं। एक महीने बाद जब रामगढ़ सीट के लिए चुनाव हुआ तो कांग्रेस ने उस सीट पर जीत हासिल की थी। इस तरह कांग्रेस ने बहुमत का आंकड़ा पूरा लिया था।

38 सीटों पर रहा बहुत करीबी मामला

इस चुनाव में 38 विधानसभा सीटें ऐसी थीं जहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच बहुत करीबी मुकाबल रहा। यानी इन सीटों पर जीत का अंतर पांच हजार वोटों से कम था।

9 सीटों पर जीत का अंतर 1000 वोटों से कम

इनमें 9 विधानसभा सीटों पर जीत का अंतर 1,000 वोटों से भी कम था। इनमें भीलवाड़ा की आसींद सीट भी शामिल है, जहां बीजेपी के जब्बर सिंह सांखला ने कांग्रेस के मनीष मेवाड़ा को महज 154 वोटों से हराया था। पीलीबंगा सीट जो बीजेपी ने सिर्फ 278 वोटों से जीती थी। खेतड़ी सीट, वरिष्ठ कांग्रेस नेता जितेंद्र सिंह ने 957 वोटों से जीती और फतेहपुर और पोकरण, जहां कांग्रेस विधायक हाकम अली खान और शाले मोहम्मद क्रमशः 860 और 872 वोटों से जीते। जिसके बाद मोहम्मद अशोक गहलोत कैबिनेट में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री बने।

मामूली अंतर से जीतने वालों में वरिष्ठ भाजपा विधायक और वर्तमान विपक्ष के नेता (एलओपी) राजेंद्र राठौड़ थे। जिन्होंने चूरू विधानसभा सीट से मात्र 1,850 वोटों से जीत दर्ज की थी।

अन्य विधानसभा क्षेत्र जहां जीत का अंतर 5,000 वोटों से कम था। उनमें- सूरजगढ़, मंडावा, दांता रामगढ़, खंडेला, शाहपुरा, चोमू, फुलेरा, मालवीय नगर, चाकसू, तिजारा, बहरोड़, नदबई, बांदीकुई, ब्यावर, मसूदा, मकराना, मारवाड़ जंक्शन, भोपालगढ़, पचपदरा, सिवाना, चौहटन, रानीवाड़ा, गोगुंदा, वल्लभ नगर, सागवाड़ा, घाटोल, बेगूं, भीम, बूंदी, सांगोद, छबड़ा और खानपुर शामिल थे।