राजस्थान में विधनसभा चुनाव के दौरान उदयपुर सीट काफी चर्चा में रही थी। कन्हैयालाल हत्याकांड के कारण कांग्रेस पहले ही इस सीट पर बैकफुट पर थी। इसके अलावा भाजपा ने पेपरलीक, तुष्टिकरण और भष्टाचार जैसे मुद्दों को उठाया। भाजपा ने इस सीट पर पूरी जान झोंक दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार की शुरुआत यहीं से की थी। उन्होंने कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साधा था। इसका असर इस सीट की नतीजों पर दिखा।

उदयपुर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ताराचंद जैन को टिकट दिया था। वहीं कांग्रेस ने गौरव वल्लभ पंत को मैदान में उतारा था। भाजपा उम्मीदवार ने यहां लगभग 33 हजार वोटों से जीत दर्ज की। चुनाव आयोग के अनुसार ताराचंद जैन ने को 97 हजार 466 वोट मिले। वहीं कांग्रेस उम्मीदवार गौरव वल्लभ को 64 हजार 695 वोट मिले। भाजपा ने 32 हजार 771 वोटों से जीत दर्ज की।

उदयपुर में नोटा को 1579 वोट मिला

नोटा को यहां 1579 वोट मिला। उदयपुर सीट से प्रत्याशियों की बात करें तो भारतीय आदिवासी पार्टी से तुलसी राम गमेती को 589 वोट मिला। आम आदमी पार्टी के मनोज लबाना को 348 वोट मिला। निर्दलीय उम्मीदवार प्रमोद कुमार वर्मा को 271 वोट मिला। बसपा के राजकुमार यादव को 225 वोट मिला। इस सीट पर पहले भी भाजपा का कब्जा था। 2018 के राजस्थान चुनाव के दौरान उदयपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार गुलाब चंद कटारिया ने हासिल की थी। कांग्रेस उम्मीदवार गिरिजा व्यास दूसरे स्थान पर रही थीं।

कन्हैयालाल हत्याकांड के बारे में जानें

पेशे से दर्जी कन्हैयालाल की 28 जून 2022 को निर्ममता से हत्या हो गई थी। हमलावरों ने दिन दहाड़े दुकान में घुसकर कन्हैयालाल का गला काट दिया था। यही नहीं उन्होंने इसका वीडियो भी बनाया था और सोशल मीडिया पर इसे पोस्ट कर दिया था। कन्हैयालाल की हत्याकांड को लेकर राजस्थान ही नहीं पूरे देश में गुस्सा देखने को मिला था।