Rajasthan BJP Candidate Vijay Bainsla: राजस्थान के टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट (Deoli Uniara Vidhansabha Seat) से बीजेपी के उम्मीदवार विजय बैंसला (Vijay Bainsla) मैदान में हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस पार्टी के हरीश चंद्र मीणा (Harish Chandra Meena) से है। हरीश चंद्र मीणा पूर्व डीजीपी है और मौजूदा विधायक भी हैं।
लंबे समय तक गुर्जर आरक्षण आंदोलन के नेता रहे पिता किरोड़ी सिंह बैंसला
गुर्जर संघर्ष समिति के नेता 52 वर्षीय विजय बैंसला लंबे समय तक गुर्जर आरक्षण आंदोलन के नेता रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे हैं। वह पहली बार विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी घोषित हुए हैं। मूल रूप से वह करौली जिले के हिन्डौन सिटी के निकट मूडिया गांव के निवासी हैं। वह उच्च शिक्षित हैं और एमबीए किए हैं।
गुर्जर और मीणा बाहुल्य सीट मानी जाती है देवली-उनियारा क्षेत्र
देवली-उनियारा विधानसभा सीट गुर्जर और मीणा बाहुल्य सीट मानी जाती है। विजय बैंसला अपने पिता की लोकप्रियता को वोट में कितना बदल पाएंगे, यह तो तीन दिसंबर को नतीजे आने के बाद ही मालूम चलेंगे, लेकिन पार्टी ने उनको उम्मीदवार बनाकर एक बड़ा दांव चला है।
पिता किरोड़ी सिंह बैंसला ने 2009 में लड़ा था लोकसभा चुनाव
खुद किरोड़ी सिंह बैंसला ने भी 2009 के लोकसभा चुनाव में टोंक-सवाई माधोपुर से मैदान में उतरे थे, हालांकि वह बहुत मामूली वोटों (317) से कांग्रेस उम्मीदवार नमो नारायण मीणा से चुनाव हार गए थे। उन्होंने कुल 375,255 वोट हासिल किए थे। वे क्षेत्र में काफी लोकप्रिय रहे हैं और जातीय आरक्षण आंदोलन में बहुत सक्रिय रहे हैं। बाद में वे अपने बेटे विजय बैंसला के साथ 10 अप्रैल 2019 को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में बीजेपी में शामिल हो गए थे।
टिकट मिलने पर स्थानीय स्तर पर विजय बैंसला का विरोध भी हुआ था। कुछ लोग उनको बाहरी बताकर उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिए थे। हालांकि विजय बैंसला इसको नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा था कि वो अकेले ही चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। समाज के बहुत लोग उनके साथ हैं।
बैंसला ने कहा था कि वो गुर्जर समाज के साथ अन्य समाज के लोगों के हितों के लिए संघर्ष करेंगे। उनका मानना है कि गुर्जर आरक्षण बड़ा मुद्दा रहा है और रहेगा। लेकिन साथ ही वह समाज के सभी वर्गों के लिए भी काम करेंगे। क्षेत्र के लोगों की बुनियादी जरूरतों जैसे पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के लिए वे हमेशा उनके साथ खड़े होकर लड़ाई लड़ेंगे। उन्हें भरोसा है कि वे सफल होंगे।