राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने के बाद भाजपा फिर से मुस्लिम प्रतिनिधित्व के सवाल से जूझ रही है। पार्टी ने 131 प्रत्याशियों की पहली सूची में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है। इस रुख पर पार्टी के ही एक दिग्गज नेता का दर्द छलक पड़ा है। राज्य की 200 में से 131 सीटों पर नाम सामने आने के बाद मुस्लिमों की उपेक्षा से दुखी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष एम सादिक खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को एक पत्र लिखा है।

‘किस मुंह से मांगें अपनों से वोट?’

सादिक खान ने अपने पत्र में लिखा, ‘बड़े मजे की बात है कि यह सूची मेरे प्रदेश से बाहर दिल्ली स्थित मुख्यालय में बैठकर जारी की गई है। इस सूची के कर्णधार आप स्वयं और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष गुजरात से हैं। सर मेरा प्रदेश गुजरात या यूपी नहीं है। यहां आज भी 36 कौमें मिल-जुलकर रहती हैं और साथ में व्यापार भी करती हैं। आपसे निवेदन है कि प्रत्याशियों की सूची में मुस्लिम समाज को भी उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए। अभी तक एक भी मुस्लिम प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं किया गया है। आप ही बताएं कि किस मुंह से हम अपने समाज के बीच वोट मांगने जाएंगे?’

क्या है राजस्थान में मुस्लिम फैक्टर?
अपने पत्र में सादिक ने पिछले चुनावों और भाजपा को मुस्लिमों के समर्थन के आंकड़े भी पेश किए। उनके मुताबिक, ‘2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने चार मुस्लिमों को मैदान में उतारा था, इनमें से दो ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद निकाय चुनावों में भी भाजपा के मुस्लिम मतों में बढ़ोतरी हुई थी।’ गौरतलब है कि राजस्थान अल्पसंख्यक मोर्चे ने मौजूदा चुनाव में मुस्लिमों के लिए 11 टिकट मांगे थे। अभी 69 सीटों पर नाम सामने आने बाकी हैं, ऐसे में देखना होगा कि सादिक खान की चिट्ठी की आलाकमान पर कोई असर होता है या नहीं? लेकिन इस चिट्ठी ने पहले से मुश्किलों का सामना कर रही राजस्थान भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ा दी है।