चुनावी प्रदेश राजस्थान के उदयपुर में रैली करने के लिए पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर से पीएम नरेंद्र मोदी पर हमलावर दिखे। उन्होंने प्रधानमंत्री पर सवाल उठाते हुए कहा कि पीएम को ये लगता है कि वह हर किसी से ज्यादा जानते हैं। वह कहते हैं कि वह हिंदू हैं लेकिन वह हिंदुत्व के मूल को ही नहीं जानते हैं।
उदयपुर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा,” हिंदुत्व का सार क्या है? गीता क्या कहती है? वह ज्ञान सभी के पास है, ज्ञान हमारे चारों तरफ है। हर जीवित प्राणी के पास ज्ञान है। हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि वह हिंदू हैं लेकिन वह हिंदुत्व के आधार को नहीं जानते? वह किस किस्म के हिंदू हैंं?
R Gandhi in Rajasthan: What is the essence of Hinduism? What does the Gita say? That knowledge is with everybody, knowledge is all around you. Every living being has knowledge. Our PM says he is a Hindu but he doesn’t understand foundation of Hinduism. What kind of a Hindu is he? pic.twitter.com/5F0WclZvdW
— ANI (@ANI) December 1, 2018
राहुल गांधी ने कहा,”क्या आप जानते हैं कि मोदी जी की सर्जिकल स्ट्राइक की तरह ही मनमोहन सिंह जी ने भी तीन बार सर्जिकल स्ट्राइक की थी? जब सेना तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह के पास आई और उन्होंने कहा कि हमें पाकिस्तान की हरकतों के लिए उन्हें मुंहतोड़ जवाब देना है। सेना ने ये भी कहा था कि वे अपने निजी कारणों से इस सूचना को गुप्त रखना चाहते हैं।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा,”असल में मोदी जी सेना के अधिकार क्षेत्र में पहुंच गए और उनकी सर्जिकल स्ट्राइक का रूप बदल दिया। उन्होंने सेना की सर्जिकल स्ट्राइक को अपनी राजनीतिक उपलब्धि के तौर पर बदल दिया। जबकि ये विशुद्ध रूप से सेना का फैसला था।”
उन्होंने कहा,” सेना क्या ये चाहती है कि दुनिया जाने कि ये हमने किया है? ये उस स्थिति में फायदेमंद है जब कोई भी न जाने कि ये हमने किया है। लेकिन मोदी जी ये नहीं चाहते। वह यूपी में चुनाव लड़ रहे थे और वह उसे हार रहे थे। इसलिए उन्होंने वह किया और इसके सेना की उपलब्धि से अपनी राजनीतिक उपलब्धि में इसे बदल दिया।
राहुल ने आरोप लगाया,” पीएम इस तथ्य से मुतमुईन हैं कि वह सेना को अपने काम को कैसे करना चाहिए, वह (पीएम) उससे (सेना से) बेहतर जानते हैं। वह विदेश मंत्री से बेहतर जानते हैं कि विदेश मंत्रालय में क्या करने की जरूरत है? वह कृषि मंत्री से भी बेहतर जानते हैं कि कृषि मंत्रालय में क्या करने की जरूरत है क्योंकि उन्हे ऐसा महसूस होता है कि सारा ज्ञान सिर्फ उनके दिमाग से आता है।”