मनराज ग्रेवाल शर्मा (इंडियन एक्सप्रेस)
पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी का क्या होगा? इसे लेकर पार्टी रणनीतिकारों के मन में अलग-अलग तरह के विचार हैं। कुछ मानते हैं कि अगर बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को पंजाब में डबल डिजिट में सीट मिलती हैं तो ये जीत से कम नहीं होगा तो कुछ लोग ऐसा भी मानते हैं कि बीजेपी के नेतृत्व वाला गठबंधन इस बार पंजाब को स्वीप करेगा। इनमें कई ऑफ द रिकॉर्ड ऐसा भी कहते हैं कि बीजेपी पंजाब में डबल डिजिट को भी टच नहीं कर सकेगी।
पंजाब में पहली बार बीजेपी गठबंधन में सीनियर पार्टनर के तौर पर चुनाव लड़ रही है। पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और शिरोमणी अकाली दल (SAD-Sanyukt) के साथ बीजेपी गठबंधन की रणनीति इस बार पूरी तरह से दिल्ली लीडरशिप के हाथ में है। इस बात से स्थानीय नेता नाखुश भी हैं। बहरहाल, बीजेपी गठबंधन का नारा इस बार नवा पंजाब है। पंजाब में जब भी कोई रैली होती है तो स्थानीय बीजेपी नेता सत् श्री अकाल, जय श्रीराम का उद्घोष करते हैं और जब राष्ट्रीय नेता आते हैं तो वे जय भारत और जय पंजाब का नारा लगाते हैं।
पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में मतदान के लिए अब एक हफ्ते से भी कम का समय बचा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास के प्रमुख बाबा गुरजिंदर सिंह ढिल्लों से मुलाकात की है। पंजाब में इनके बड़ी संख्या में अनुयायी हैं। दूसरी ओर रविवार को अमित शाह ने अकाल तख्त के जत्थेदार के मीटिंग की जो कि धर्म परिवर्तन मुद्दों को लेकर चिंतित हैं। उधर, डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को मिली फर्लो के बीच राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि डेर प्रमुख का प्रभाव मालवा के दक्षिणी इलाके में है और वह कांग्रेस, अकालियों के भी खिलाफ हैं।
शहरी हिंदुओं की पार्टी कहलाई जाने वाली बीजेपी इस बार पंजाब में सिख चेहरों के साथ मैदान में उतर रही है। पार्टी के नेशनल जनरल सेक्रेटरी तरुण चुग पहले ही करीब 50 प्रतिशत सिख उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर चुके हैं। 1997 में जब पहली बार बीजेपी ने अकाली दल के साथ समझौता किया था तब बीजेपी ने पंजाब की 22 में से 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 2077 में बीजेपी को सबसे ज्यादा 19 सीटें मिलीं, 2017 में सबसे कम होकर ये आंकड़ा 3 पर आ गया। अब 2022 चुनाव में बीजेपी करीब 60 से 65 सीटों पर फोकस कर रही है। पंजाब में बीजेपी कभी इतनी सीटों पर नहीं लड़ी है। ये सभी ऐसी सीटें हैं जहां पर हिंदू आबादी बड़ी संख्या में रहती है।
पंजाब में बीजेपी के सिंबल पर इस बार करीब 73 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें कई कैप्टन की पार्टी के भी हैं। पार्टी के भीतर चर्चा है कि बीजेपी इनमें से 23 सीटों पर कब्जा जमा सकती है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि पिछले पांच चुनावों में इनमें किसी न किसी सीट पर बीजेपी पहले भी जीत दर्ज कर चुकी है, हालांकि तब शिरोमणी अकाली दल के साथ उसका गठबंधन था।
पंजाब के किसानों में इस बार बीजेपी को लेकर गुस्सा नजर आ रहा है। इस गुस्से की काट के तौर पर बीजेपी ने करीब 15 दल-बदलुओं को टिकट दिया है। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता लक्ष्मीकांत चावला कहते हैं कि उन्होंने पहले कभी बीजेपी को इतने सारे दल-बदलुओं को टिकट देते नहीं देखा। उन्होंने कहा कि यह बहुत चौंकाने वाला है कि पार्टी जॉइन कराने के कुछ मिनटों बाद ही दूसरे दलों से आने वालों को वरिष्ठ नेता करार दे दिया जाता है।
बटाला में बीजेपी ने कांग्रेस से आए फतेह जंग बाजवा को टिकट दिया है। 2007 के बाद यहां बीजेपी नहीं जीती है, लेकिन इस बार यह सीट बीजेपी के पास आने के पूरी उम्मीद है। ऐसा पार्टी स्थानीय लोग और पार्टी के कार्यकर्ता मानते हैं। फगवाड़ा में बीजेपी ने विजय सांपला को मैदान में उतारा है। यहां कांग्रेस का भी जोर है और टक्कर जोरदार होगी।
राजनीतिक मामलों के जानकार आशुतोष कुमार मानते हैं कि पंजाब चुनाव 2022 बीजेपी के लिए एक नई शुरुआत है। ये अगले इलेक्शन की जमीन तैयार करने की शुरुआत है। बीजेपी पंजाब में अब लंबी प्लानिंग के साथ काम करने के मकसद से उतरी है।