प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पंजाब के फिरोजपुर में होने वाली रैली के रद्द होने के बाद सियासत गरमाई हुई है। एक तरफ, भाजपा पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के लिए पंजाब की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है। तो दूसरी तरफ, कांग्रेस का कहना है कि रैली के लिए 70 हजार कुर्सियां लगाई गई थीं लेकिन केवल 700 लोग ही आए। इस बीच, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि इस बात की जांच जरूरी है कि पीएम मोदी की वापसी सुरक्षा में चूक के कारण हुई या फिर किसानों का आक्रोश कारण रहा।
पीएम मोदी की फिरोजपुर में होने वाली रैली रद्द होने और उनके वापस लौटने पर प्रतिक्रिया देते हुए राकेश टिकैत ने ट्वीट किया, ”भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक करने के कारण रैली रद्द करने की बात कही जा रही है। वहीं, दूसरी ओर पंजाब के मुख्यमंत्री खाली कुर्सियों की बात कहकर पीएम के वापस लौटने का दावा कर रहे हैं। अब इस बात की जांच जरूरी है कि वापसी सुरक्षा में चूक है या फिर किसानों का आक्रोश.!” राकेश टिकैत का इशारा कृषि कानूनों को लेकर भाजपा के खिलाफ किसानों की नाराजगी की तरफ था।
तीन विवादित कृषि कानूनों के रद्द किए जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का पंजाब का ये पहला दौरा था। इस दौरे के साथ ही प्रधानमंत्री पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के अभियान का आगाज करने वाले थे।
फिरोजपुर में रैली को संबोधित करने के अलावा, प्रधानमंत्री प्रदेश की जनता को 42,750 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं की सौगात भी देने वाले थे। इनमें दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस वे, फिरोजपुर में पीजीआई सैटेलाइट सेंटर और कपूरथला-होशियारपुर में दो नए मेडिकल कॉलेज शामिल थे।
पीएम मोदी की रैली रद्द होने के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। भाजपा के कई नेताओं ने पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस को घेरा है। इस मामले में गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।