नई केंद्रीय मंत्रिपरिषद के लिए शपथ ग्रहण का कार्यक्रम रविवार की रात पूरा हो गया। इस मंत्रिपरिषद में कुल सात महिलाओं को शामिल किया गया है, जिनमें दो कैबिनेट मंत्री बनाई गई हैं। जबकि पिछली मंत्रिपरिषद में कुल 10 महिला मंत्री थीं। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, राज्य मंत्री डॉ. भारती पवार, साध्वी निरंजन ज्योति, दर्शना जरदोश, मीनाक्षी लेखी और प्रतिमा भौमिक को 18वीं लोकसभा की मंत्रिपरिषद में जगह नहीं मिली। आम चुनाव में 74 महिला उम्मीदवादों ने जीत दर्ज की और यह संख्या 2019 में निर्वाचित 78 महिला प्रत्याशियों की तुलना में कुछ कम है।
इन महिला नेताओं को केंद्र में बनाया गया मंत्री
निर्मला सीतारमण (बीजेपी): राज्यसभा सदस्य निर्मला सीतारमण पिछली सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री थीं। यह केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनका लगातार तीसरा कार्यकाल है। वह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रक्षामंत्री भी रह चुकी हैं। उनका जन्म 18 अगस्त 1959 को तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु,
अन्नपूर्णा देवी (बीजेपी): झारखंड की ओबीसी नेता अन्नपूर्णा देवी केंद्रीय मंत्रिमंडल में दूसरी महिला हैं। उन्हें राज्य में कुछ दिनों बाद होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी को मजबूत करने में प्रमुख नेता के रूप में देखा जा रहा है। वह पहले राजद से जुड़ी थीं। उनके पति के निधन के बाद बीजेपी में शामिल हो गईं।
सावित्री ठाकुर (बीजेपी): मध्य प्रदेश की प्रमुख आदिवासी नेता सावित्री ठाकुर (46) ने रविवार को राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली। 2019 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया। इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में धार सीट से जीत हासिल की।
नीमूबेन बंभानिया (बीजेपी): गुजरात के भावनगर में अपने प्रतिद्वंद्वी आम आदमी पार्टी के उमेश मकवाना को 4.55 लाख मतों के बड़े अंतर से हराने वालीं नीमूबेन बंभानिया मोदी कैबिनेट में राज्य मंत्री के रूप में शामिल की गई हैं। वह बीजेपी के टिकट पर गुजरात से जीतने वाली तीन महिलाओं में से एक हैं। नीमूबेन बंभानिया पहले टीचिंग फिल्ड में थीं। इसके अलावा वह 2009-10 और 2015-18 के बीच दो कार्यकालों के लिए भावनगर के मेयर के रूप में कार्य किया और 2013 और 2021 के बीच बीजेपी महिला मोर्चा की राज्य इकाई की उपाध्यक्ष थीं।
रक्षा खडसे (बीजेपी): राज्य मंत्री रक्षा खडसे (37) पूर्व बीजेपी नेता एकनाथ खडसे की बहू हैं। महाराष्ट्र से तीन बार सांसद हैं। 2013 में महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में एनसीपी नेता मनीष जैन से मामूली हार के बाद उनके पति निखिल ने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद उन्होंने 2014 में जैन के खिलाफ रावेर में लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उन्होंने 2014 में फिर से तीन लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की। 2024 के लोकसभा चुनावों में, उन्होंने एनसीपी उम्मीदवार श्रीराम पाटिल के खिलाफ 2.72 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की। खडसे के पास कंप्यूटर साइंस में बीएससी की डिग्री है।
शोभा करंदलाजे (बीजेपी): कर्नाटक की बड़ी नेता शोभा करंदलाजे (57), पहले केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री थीं। राज्य के बीजेपी के कद्दावर नेता बीएस येदियुरप्पा की करीबी विश्वासपात्र करंदलाजे तीन बार लोकसभा सदस्य रही हैं। करंदलाजे ने कांग्रेस के एमवी राजीव गौड़ा को हराकर बैंगलोर उत्तर लोकसभा क्षेत्र से 2,59,476 के अंतर से जीत हासिल की और बेंगलुरु की पहली महिला सांसद बनीं।
अनुप्रिया पटेल (अपना दल): केंद्रीय मंत्रिपरिषद में वापसी करने वाली अनुप्रिया पटेल अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कुर्मी समुदाय की एक प्रमुख नेता हैं और अपना दल के संस्थापक स्वर्गीय डॉ. सोनेलाल पटेल की बेटी हैं। पिछली सरकार में वे वाणिज्य राज्य मंत्री थीं। उन्होंने उत्तर प्रदेश की मिर्जापुर सीट पर समाजवादी पार्टी के रमेश चंद बिंद को 37,810 मतों के अंतर से हराया।