Lok Sabha Election 2019: मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को मैदान में उतारा है। प्रज्ञा का मुकाबला कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से है। प्रज्ञा के चुनाव प्रचार में विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस भी लगा हुआ है। प्रज्ञा के चुनावी अभियान का मुख्यालय भी वीएचपी के दफ्तर में ही है। प्रज्ञा ने हाल ही में शहीद महाराष्ट्र एटीएस चीफ हेमंत करकरे पर आपत्तिजनक बयान दिया था। बीजेपी का एक धड़ा इस बयान से नाखुश था। वहीं, इसके उलट विश्व हिंदू परिषद को लगता है कि इसके लिए संगठन को बैकफुट पर जाने या प्रज्ञा से किसी तरह की माफी की अपेक्षा करने की जरूरत नहीं है।

ऐसी खबरें आई थीं कि भोपाल की सीट पर उनके बजाए प्रज्ञा को उतारे जाने को लेकर उमा भारती बेहद नाखुश थीं। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि बतौर साध्वी उमा भारती की शख्सियत प्रज्ञा के मुकाबले ज्यादा प्रभावशाली है। उमा भारती काफी लंबे वक्त से पार्टी का हिंदुत्ववादी चेहरा रही हैं। वह बाबरी मस्जिद आंदोलन से भी जुड़ी रहीं। ओबीसी लोध समुदाय से ताल्लुक रखने वाली उमा बीजेपी के लिए कई चुनाव जीत भी चुकी हैं। इनमें भोपाल सीट भी शामिल है। प्रज्ञा को टिकट दिए जाने के खिलाफ उमा भारती ने सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जाहिर की थी। उमा ने कहा था कि प्रज्ञा बहुत ‘महान’ साध्वी हैं, जबकि वह एक ‘मूर्ख’ इंसान हैं।

हालांकि, यह साफ है कि संघ परिवार में शीर्ष पर मौजूद किसी को उमा भारती की यह बात पसंद नहीं आई, जिसके लिए उन्हें फटकार लगाई गई। इसके बाद उमा के रुख में भी बदलाव आया। उन्होंने प्रज्ञा ठाकुर से मुलाकात की और उनके पैर छुए। वहीं, प्रज्ञा के समर्थन में कुछ दूसरे बड़े नेता सामने आए। सुमित्रा महाजन आम तौर पर बहुत सोच समझकर बयान देने के लिए जानी जाती हैं। ऐसा लगता है कि मानो सुमित्रा और पूनम महाजन को प्रज्ञा की करकरे पर की गई टिप्पणी को जायज ठहराने के लिए कहा गया। बता दें कि विश्व हिंदू परिषद अपने हिंदुत्ववादी एजेंडे के तौर पर तीन सीटों पर खास तौर पर फोकस कर रहा है। भोपाल के अलावा ये सीटें हैं बिहार का बेगुसराय और केरल का पथनमथिट्टा। बेगुसराय में बीजेपी के गिरिराज सिंह का मुकाबला कन्हैया कुमार से है। वहीं, पथनमथिट्टा में सबरीमाला मंदिर स्थित है।