लोकसभा चुनाव में इस बार लगातार सियासी समीकरणों में बदलाव आ रहा है। कांग्रेस और भाजपा की धुरी इस समय गारंटी पर घूम रही है। जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भर में मोदी की गारंटी की बात कर रह है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इस गारंटी पर ही दावा ठोंकती नजर आ रही है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे गारंटी शब्द को लेकर भाजपा को घेर चुके हैं और उनका कहना है कि कांग्रेस राज्यों में चल रही नीतियों के आधार पर भाजपा नेता गारंटी की बात करते नजर आ रहे हैं जबकि कांग्रेस अपने राज्यों की सरकारों में गारंटी को लागू करके दिखा चुकी है।
गारंटी शब्द का असर अब कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों की सभाओं में देखने को मिल रहा है और दोनों ही दल एक-दूसरे पर वार-पलटवार करते नजर आ रहे हैं। हाल ही में सतर्कता ब्यूरो (आइबी) के हवाले की अंदरूनी रपट के हवाले से दावा किया गया है कि भाजपा की सीट का आंकड़ा करीब 290 तक पहुंच सकता है।
गांरटी का सियासी दांव चलने से पहले चुनावी माहौल ‘अबकी बार चार सौ पार’ के नारे पर घूम रहा था। राहुल ने हाल ही में लिखा था कि ‘हवाई चप्पल’ वालों को हवाई जहाज की यात्रा का सपना दिखा, भाजपा सरकार गरीबों की सवारी रेलवे को भी उनसे दूर करती जा रही है।
वरिष्ठ नागरिकों तक से उन्हें मिलने वाली छूट छीन कर पिछले तीन वर्षों में सरकार उनसे 3,700 करोड़ रुपए की वसूली कर चुकी है। वातानुकूलित डिब्बों (एसी) की संख्या बढ़ाने के लिए सामान्य डिब्बों की संख्या कम की जा रही है, जिसमें मजदूर और किसान ही नहीं छात्र और नौकरीपेशा भी यात्रा करते हैं।
सामान्य डिब्बों के मुकाबले एसी डिब्बों का निर्माण भी तीन गुना कर दिया गया है। दरअसल रेल बजट को अलग से पेश करने की परंपरा खत्म करना, इन्हीं कारनामों को छिपाने की साजिश थी। सिर्फ अमीरों को ध्यान में रख कर बनाई जा रही रेलवे की नीतियां रेल पर निर्भर भारत की 80 फीसद आबादी के साथ धोखा है।
मोदी पर भरोसा ‘विश्वासघात की गारंटी’ है। कांग्रेस पार्टी का दावा है कि जब से कांग्रेस ने एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का संकल्प लिया है, तब से मोदी के प्रचारतंत्र और मित्र मीडिया ने एमएसपी पर झूठ की झड़ी लगा दी है। एमएसपी की गारंटी से कृषि में निवेश बढ़ेगा।
रामलीला मैदान से ‘चार सौ पार’ के नारे पर प्रहार : राहुल गांधी पहले ही सरकार और एजंसियों की तुलना आसुरी शक्ति से कर चुके हैं और चुने हुए मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी को आम बात कह चुके हैं। उनका दावा है कि इस बार विपक्षी गठबंधन इस लोकसभा चुनाव में मुंहतोड़ जवाब देगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों में इसकी गूंज जनता के बीच से आ रही थी। इस नारे पर सबसे पहला वार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी सभाओं से ही किया था। दिल्ली के रामलीला मैदान से उन्होंने भाजपा के चार सौ पार के नारे पर बड़ा तंज था कि बिना ईवीएम की छेड़खानी के भाजपा का आंकड़ा 180 के भी पार नहीं जा रहा है। इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता ने भाजपा को घेरा था और आंकड़ा 200 के नजदीक जाने की बात कही थी।
जबकि तेजस्वी यादव ने इस पर साफ कहा था कि भाजपा के नेताओं का मन है वे कुछ भी कह सकते हैं। देश में लोकसभा चुनाव से पहले पूरा लोकसभा चुनाव राम मंदिर और उस कार्यक्रम में विपक्ष के शामिल नहीं होने के आसपास घूम रहा था।
‘भाजपा का संकल्प पत्र, संकल्पों के पूरा होने की गारंटी’
जनसत्ता: केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने रविवार को भाजपा द्वारा जारी संकल्प पत्र को ऐतिहासिक और भविष्य के भारत की नींव रखने वाला बताते हुए कहा कि भाजपा का संकल्प पत्र, संकल्पों के पूरा होने की गारंटी है। ठाकुर ने कहा कि जैसा कि सर्वविदित है ‘रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई’ ठीक इसी प्रकार हमारा संकल्प पत्र है।
इसके एक-एक संकल्प के पूरे होने की 100 फीसद गारंटी है। भारतीय राजनीति में भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जो स्थापना से लेकर आज तक अपने मूल्यों और संकल्पों पर अडिग रही और जैसे ही हमें पूर्ण बहुमत मिला तब हमने एक-एक कर अपने सभी वादों को लागू भी किया।
क्योंकि अपने लिए संकल्पों को पूरा करना भाजपा का डीएनए में है, और इसलिए जनता का भरोसा केवल भाजपा के संकल्पों व मोदी जी की गारंटी पर है। हमारा संकल्प पत्र समाज के सभी वर्गों के हितों की रक्षा करते हुए, विकसित भारत निर्माण का सुनहरा दस्तावेज है।
ठाकुर ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हमने जो कहा था उसे करके दिखाया है और आज संकल्प पत्र के माध्यम से जो भी कहा है उसे भी अवश्य पूरा करेंगे। आज हमारे संकल्प पत्र की पहली प्रति भी एक लाभार्थी को मिली है। ठाकुर ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण को अपना ध्येय मानकर कार्य करती रही और वंचित हमेशा इस सरकार की वरीयता में रहे।
2014 में जो भारत विश्व की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था वह आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और मोदी जी की तीसरी पारी में हमारा भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। प्रत्येक भारतीय की आशाएं और आकांक्षाएं मोदी जी की आशाएं और आकांक्षाएं हैं।