भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय अक्सर कांग्रेस के वंशवाद पर निशाना साधते रहते हैं। लेकिन इंदौर 3 से अपने बेटे आकाश विजयवर्गीय को टिकट दिलाने के बाद से उनकी काफी निंदा हो रही है। लेकिन इस चुनावी अखाड़े में उनकी घर से ही बगावत हो गई है जिसने कैलाश की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। दरअसल अब उनके दामाद ही चुनाव में निर्दलीय खड़े होकर उनके बेटे को टक्कर दे रहे हैं।
आपको बता दें कि इंदौर क्रमांक 3 से कैलाश के बेटे आकाश मैदान में उतरे हैं जहां वो जीत के लिए वो रमेश मेंदोला के सहारे नजर आ रहे हैं। लेकिन अब कैलाश के ही अच्छे मित्र और दामाद ललित पोरवाल ने निर्दलीय खड़े होकर आकाश को चुनौती दे दी हैं। बता दें कि ललित पोरवाल से कैलाश विजयवर्गीय की भतीजी सपना विजयवर्गीय की शादी हुई है। कैलाश विजयवर्गीय ने ही सपना का कन्यादान किया था लेकिन आज वही दामाद उनके बेटे को चुनावी मैदान में चुनौती दे रहा है।
क्यों हुई घर से ही बगावत ?
गौरतलब है कि 35 साल से बीजेपी से जुड़े ललित पोरवाल चार बार पार्षद और इंदौर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। वो इंदौर-3 से अरसे से टिकट मांग रहे थे। इस बार उषा ठाकुर का विरोध होने के कारण उन्हें टिकट मिलने की उम्मीद थी। लेकिन विजयवर्गीय ने अपने बेटे आकाश को टिकट दिला दिया। इससे नाराज होकर ललित पोरवाल निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद पड़े।
कांग्रेस को मिला मौका..
कैलाश के घर में ही हुई बगावत के बाद अब कांग्रेस को भी बीजेपी पर हमला बोलने का मौका मिल गया है। कांग्रेस का कहना है कि ‘चाल चरित्र चेहरे की बात करने वाली बीजेपी का इस चुनाव में असली चेहरा सामने आ गया है। जब कैलाश विजयवर्गीय अपने दामाद को ही नहीं संभाल पा रहे हैं तो पार्टी को क्या संभालेंगे।’