लोकसभा चुनाव के लिए कूच बिहार सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रामाणिक (Nishith Pramanik) के नामांकन पत्र के साथ दाखिल हलफनामे के अनुसार, उनके खिलाफ 14 आपराधिक मामले लंबित हैं। हलफनामे के अनुसार, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के खिलाफ लंबित 14 मामलों में से नौ 2018 और 2020 के बीच दर्ज किए गए थे। अन्य मामले 2009 और 2014 के बीच दर्ज किए गए थे।

वर्ष 2018 में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से निष्कासित किए जाने के बाद प्रामाणिक 2019 में भाजपा में शामिल हो गए। वर्ष 2018 में पंचायत चुनावों के दौरान कूच बिहार जिले में टीएमसी की तरफ से नामांकित उम्मीदवारों के खिलाफ कई निर्दलीय उम्मीदवारों को खड़ा करने के आरोप में प्रामाणिक को टीएमसी से निष्कासित किया गया था। प्रामाणिक के खिलाफ आपराधिक मामलों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए भाजपा के एक जिला पदाधिकारी ने कहा कि उनके खिलाफ ज्यादातर प्राथमिकी पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी से नाता तोड़ने और उसके बाद भाजपा में शामिल होने के बाद दर्ज की गई।

केंद्रीय मंत्री के खिलाफ दर्ज मामलों में हत्या के प्रयास और दंगे से लेकर अतिक्रमण करने और गैरकानूनी जमावड़े के आरोप शामिल हैं। प्रामाणिक ने अपने हलफनामे में कहा कि उनके खिलाफ दर्ज किसी भी मामले में उनके खिलाफ आरोप तय नहीं किए गए हैं। प्रामाणिक ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले दाखिल अपने हलफनामे में अपने खिलाफ 11 लंबित आपराधिक मामलों की घोषणा की थी। मंत्री ने 2024 के हलफनामे में 2023-24 में अपनी वार्षिक आय 12.34 लाख रुपए होने का उल्लेख किया।

हलफनामे के मुताबिक, 2022-23 में उनकी वार्षिक आय 10.72 लाख रुपए थी। प्रामाणिक ने कहा है कि वे एक प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक थे, जबकि उनकी पत्नी गृहिणी हैं। प्रामाणिक ने भाजपा के टिकट पर 2019 के चुनाव में कूच बिहार निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल की थी। इससे पहले इस सीट पर तृणमूल का कब्जा था। प्रामाणिक ने 2016 में उपचुनाव में भी कूच बिहार से जीत दर्ज की थी। कूचबिहार लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को चुनाव होंगे।