यूपी में बीजेपी बहुमत पा चुकी है और कुछ ही दिनों बाद योगी आदित्यनाथ दोबारा से सीएम पद की शपथ ले लेंगे। इन सब के बीच अपर्णा यादव की काफी चर्चा हो रही है, जो सपा छोड़कर बीजेपी में आई थीं और बिना टिकट के ही चुनावों में सक्रिय रहीं। इस मामले पर जब अपर्णा से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि लोगों को ये ना लगे कि वो टिकट की राजनीति करने आई हैं, इसलिए उन्होंने टिकट नहीं मांगा।

मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव 2017 में हार के बाद से ही सीएम योगी और बीजेपी की ओर झुकती दिख रहीं थीं। 2022 में फाइनली उन्होंने सपा को अलविदा कहा और योगी आदित्यनाथ के साथ आ गईं। उनके आने पर कई तरह की बातें कहीं गईं, लेकिन अपर्णा लगातार उन बातों का विरोध करती रहीं और बीजेपी के लिए प्रचार करती रहीं। यहां तक कि उन्होंने सीधे-सीधे अखिलेश यादव पर भी निशाना साधते रहा। बीजेपी जब जीती तो वो सीएम योगी के साथ भी दिखीं।

बीजेपी की जीत के बाद एबीपी न्यूज से बात करते हुए उन्होंने टिकट ना मिलने या नहीं लेने को लेकर कहा- “मैं भाजपा में निजी उद्देश्य के लिए नहीं आई हूं, निजी उद्देश्य होता तो टिकट की मांग करती और मुझे पार्टी दे भी देती। मुझे लगा कि उसपर भी लोग सवाल उठाएंगे। एक महिला को अपनी जगह प्रस्तुत करने के लिए, अपनी एक जगह रखने के लिए समाज में, मुझे लगता है कि आज भी संघर्ष करना पड़ता है। तो मुझे लगा कि लोगों के बीच में ऐसा ना लगे कि अपर्णा यादव टिकट तक की राजनीति करने आई है। इसलिए मुझे लगा कि सेवा के रास्ते पर चलना चाहिए”।

आगे अपर्णा यादव ने कहा कि उन्हें पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर भरोसा है, जैसा नेतृत्व कहेगा, जो पार्टी जिम्मेदारी देगी, उसे मैं निभाउंगी। उन्होंने कहा कि जनता का पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ पर काफी भरोसा है। इसलिए जनता ने उन्हें अपना समर्थन दिया है।