Madhya Pradesh Assembly Election: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के ऐलान बाद से नेताओं की बयानबाजी तेज हो गई है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा, ‘वह सनातन धर्म का पालन करते हैं और एक अच्छे हिंदू हैं। राम हमारे ईष्टदेव हैं, लेकिन चुनाव में धर्म का उपयोग करना प्रतिबंधित है।’

भोपाल में रविवार को मीडिया से बात करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्होंने राम मंदिर के निर्माण में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से ज्यादा दान दिया। उन्होंने कहा, ‘शिवराज सिंह ने 1 लाख रुपये दान दिए, जबकि मैंने 1.11 लाख रुपये दान दिए और वो चेक मैंने पीएम मोदी को भेजा कि जाकर ट्रस्ट को जमा करा दीजिए, लेकिन उन्होंने मुझे वापस भेज दिया कि आप ही जमा करा दीजिए, मैंने वहां जमा करा दिया।’

सिंह की यह टिप्पणी एक हफ्ते से भी कम समय के बाद आई है, जब वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ नवरात्रि के आखिरी दिन अपने आवास पर ‘कन्या पूजा’ करने को लेकर दोनों नेताओं के बीच जुबानी बयानबाजी देखने को मिली थी।

नवमी पर हुआ था दिग्विजय और शिवराज का वाकयुद्ध

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नवमी पर मुख्यमंत्री निवास में कन्या पूजन और भोज आयोजित किया था। तब पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से पत्रकारों ने इस पर प्रतिक्रिया मांगी थी तो उन्होंने शिवराज को नौटंकीबाज बताया था। कांग्रेस नेता ने सीएम पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘ड्रामेबाज’ (नाटक करने वाला व्यक्ति) कहा था। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री के बारे में बात मत करो। मैंने इतना झूठा मुख्यमंत्री कभी नहीं देखा।’ मैंने ऐसे व्यक्ति को नाटक करते कभी नहीं देखा।’ अब तो पीएम मोदी भी उनसे डरने लगे हैं।”

इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज ने दिग्विजय के बयान पर पलटवार किया था। सीएम शिवराज ने कहा था, ”बेटियों की पूजा सनातन का संस्कार है और दिग्विजय सिंह उसे नाटक-नौटंकी कह रहे हैं। सनातन और शिवराज का विरोध करते-करते दिग्विजय इतने निचले स्तर पर पहुंच गए कि उन्हें बेटियों के सम्मान से भी तकलीफ होने लगी है। पूरा देश बेटियों का भंडारा कर रहा है, उनकी पूजा कर रहा है। क्या यह नौटंकी है?”

सीएम शिवराज ने आगे कहा था कि आप जैसी घटिया सोच वाले बेटियों की पूजा और सम्मान सहन नहीं कर पाते। मैं बेटियों और बहनों की पूजा करता रहूंगा, जिससे समाज में उनके प्रति सकारात्मक सोच और सम्मान बड़े। बहनों की पूजा के लिये नैतिक साहस चाहिए और ये वही कर सकता है, जिसमें भारतीय संस्कार हों। बहन-बेटियों को ‘टंचमाल’ और ‘आइटम’ कहने वाले कभी बेटियों का सम्मान नहीं कर सकते। मल्लिकार्जुन खडगे जी और सोनिया जी जवाब दें, क्या वे भारत में बेटियों की पूजा के खिलाफ हैं? कांग्रेस अपना स्टैंड साफ करें क्या वो बहन-बेटियों की पूजा के खिलाफ है।”