मध्य प्रदेश में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वहीं विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के पार्टी बदलने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में रविवार को कांग्रेस को बड़ा झटका लगा। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस विधायक सचिन बिरला ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। सचिन बिरला खरगोन जिले की बड़वाह विधानसभा सीट से विधायक हैं।

पिछले 2 सालों से बीजेपी का साथ दे रहे थे सचिन बिरला

सचिन बिरला ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। सचिन बिरला पिछले दो सालों से बीजेपी के साथ हैं। हालांकि उन्होंने औपचारिक रूप से पार्टी की सदस्यता नहीं ली थी क्योंकि अगर वह ऐसा करते तो उन्हें विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ता।

भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद सचिन बिरला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार की नीतियों और भाजपा के विचारधारा से प्रभावित होकर उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली है। सचिन बिरला ने कहा कि पार्टी मुझे जो भी दायित्व देगी, मैं उसको पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करूंगा। सचिन बिरला ने कहा कि मैं पिछले डेढ़ सालों से बीजेपी के लिए ही काम कर रहा था, लेकिन आज सदस्यता ली है।

सचिन बिरला वैसे तो ऑन रिकॉर्ड कांग्रेस के विधायक हैं लेकिन वह क्षेत्र में बीजेपी के कार्यक्रमों में शामिल होते रहते हैं। 2021 के बाद से सचिन बिरला मध्य प्रदेश के विधानसभा सत्रों में शामिल नहीं हुए हैं। हालांकि बीजेपी से उनके नजदीकी अभी तक किसी से छुपी नहीं थी। कांग्रेस ने उनका विरोध भी किया था और दलबदल कानून के तहत उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म करने के लिए आवेदन भी किया था, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने ऐसा नहीं किया।

विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कांग्रेस को कहा गया कि वह साबित करे कि सचिन बिरला बीजेपी में है और कांग्रेस इसको साबित नहीं कर पाई। ऐसे में सचिन बिरला कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा में तो पहुंचे लेकिन वह अपने विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के विधायक माने जाते रहे हैं।