मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मायावती की बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन नहीं हो सका। मायावती की पार्टी से गठबंधन क्यों नहीं हो सका इस पर बोलते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने है कहा कि, एक तो सीटों की संख्या और दूसरा मायावती की राज्य में कुछ विशेष सीटों की मांग के चलते गठबंधन संभव नहीं हो पाया। उन्होंने कहा छिंदवाड़ा और इंदौर से भी मायावती एक-एक सीट मांग रही थी, जहाँ उन्हें हजार वोट से ज्यादा नहीं मिल पाते। कांग्रेस पार्टी ने उन्हें राज्य में 25 सीटें ऑफर की थी लेकिन वो 50 सीटों की मांग पर अड़ गयी थी, जो संभव नहीं था।

मध्यप्रदेश में कमलनाथ कांग्रेस पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदारों में शुमार है। राज्य में 15 सालों से बीजेपी सत्ता पर काबिज है। जिसे हटाने के लिए कांग्रेस इस बार पूरा दम लगा रही है। बसपा सुप्रीमों मायावती से गठबंधन नहीं होने को लेकर कमलनाथ का कहना है कि, बसपा की ओर से विधानसभा चुनाव में जिन सीटों की मांग थी उन पर जीत का कोई समीकरण नहीं नजर आ रहा था।

मायवती ने छिंदवाड़ा से भी एक सीट मांगी थी। गौरतलब है छिंदवाड़ा को कमलनाथ का गढ़ माना जाता है। उन्होंने छिंदवाड़ा का प्रतिनिधित्व 9 बार लोकसभा में किया है। उन्होंने कहा मायावती ने कई ऐसी सीटें भी मांग ली जिनमें उनकी पार्टी को चुनाव में हजार वोट से ज्यादा नहीं मिलते। कमलनाथ ने कहा कि हमने अपनी 25 सीटों की पेशकश को 30 सीट तक करने के बात कही लेकिन मायावती 50 सीटों की मांग से नहीं हटी जिसकारण उनके साथ गठबंधन नहीं हो सका।

बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती की ओर से विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ किसी तरह का गठबंधन करने से इनकार करने के बाद भी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भरोसा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव को दोनों पार्टियां साथ मिलकर लड़ेंगी। पिछले दिनों एक कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी कह चुके हैं कि बसपा सुप्रीमों का कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने के फैसले से राजस्थान और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बता दें कि 230 विधानसभा सदस्यों वाले मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 28 नवंबर को होगा और परिणाम 11 दिसंबर को आएंगे।