MP Election 2023: मध्य प्रदेश में अगले महीने विधानसभा चुनाव होगा। इसी बीच प्रशासन ने डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। इस्तीफा मंजूर होते ही पूर्व आईएएस अधिकारी ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। निशा एमपी की आमला सीट से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं। माना जा रहा था कि कांग्रेस उनको वहां से उम्मीदवार बना सकती है। हालांकि, उनका इस्तीफा देर से मंजूर होने के बाद कांग्रेस ने इस सीट से मनोज मालवे को चुनावी मैदान में उतार दिया। बांगरे घर के उद्घाटन में शामिल होने के लिए छुट्टी नहीं मिलने पर इस्तीफा देने के बाद पर चर्चाओं में आई थीं।
निशा बांगरे ने बुधवार को कहा, ‘मैं चुनाव तो लड़ूंगी। मैंने हमेशा से कहा है कि मैं लोकतंत्र का हिस्सा बनना चाहती हूं। विधायिका का हिस्सा बनना भी उसका एक पार्ट है। इसलिए मैं निश्चित तौर पर चुनाव तो लड़ूंगी ही। मैं नामांकन पत्र फाइल करूंगी।’
यह पूछे जाने पर कि इस्तीफा देते वक्त कुछ और वजह थी। क्या आपने तब ही चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया था? इस सवाल पर बांगरे ने कहा, ‘मैंने जिस वक्त इस्तीफा दिया था, उसमें कारण लिखा था। मुझे मेरे मकान के उद्घाटन में शामिल होने की परमिशन नहीं दी गई थी। जब मैंने पिछले दो-तीन महीने में कारण पता किए तो पता चला कि यह सब राजनैतिक कारणों से हो रहा है। मैं हमेशा से चाहती हूं कि इस देश की व्यवस्था अच्छी बनी रहे। व्यवस्था अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से बनती है। अधिकारी बनकर मैंने देख लिया है। राजनैतिक मंशा अगर सही हो तो अधिकारी भी अच्छा काम कर सकते हैं। इसलिए मैंने फैसला लिया है कि मैं विधायिका में जाऊंगी। जो अन्याय मेरे साथ हुआ है, उस अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ूंगी, ताकि किसी और के साथ अन्याय न हो।’
पूर्व डिप्टी कलेक्टर ने कहा, ‘जहां मेरे मकान का उद्धघाटन होने वाला था, वहां सर्वधर्म प्रार्थना होने वाली थी। क्योंकि मैं उस क्षेत्र (आमला) पांच साल से हूं, मेरी पोस्टिंग 2018-2021 के बीच वहीं रही। मैं लोगों के बीच रही हूं। लोगों का प्यार मेरे साथ रहा है। वहां लोगों ने तब भी मुझे एक ऑप्शन के तौर पर देखा था, इसलिए मेरा ट्रांसफर कई बार अलग-अलग जगह हो रहा था, क्योंकि के वहां के माननीयों को दिक्कत हो रही थी। लोगों ने मुझे उसी वक्त से जनप्रतिनिधि के तौर पर चाहा था। मैं उस फैसले पर नहीं पहुंच पा रही थी, क्योंकि मेरा कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है। मैं कभी किसी राजनीतिक दल का हिस्सा नहीं रही, धीरे-धीरे सीख रही हूं।’
कौन हैं निशा बांगरे?
निशा बांगरे ने विदिशा के सम्राट अशोक प्रौद्योगिकी संस्थान से 2010-2014 में इंजीनियरिंग की। बाद में उन्होंने एक कंपनी में प्राइवेट नौकरी की, लेकिन कुछ समय बाद निशा ने सिविल सर्वेंट बनने के लिए तैयारी शुरू कर दी और साल 2016 में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) परीक्षा में सफलता हासिल की। यही नहीं, साल 2017 में भी निशा बांगरे ने एमपीपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की और फिर डिप्टी कलेक्टर के लिए चुनी गईं, तभी से ही राज्य प्रशासनिक सेवा की यह अधिकारी प्रदेश के अलग अलग जिलों में अपनी सेवाएं दे रही थी।