MP Assembly Polls: मध्य प्रदेश में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, लेकिन चुनाव से पहले नेताओं का पार्टी बदलने का सिसलिसा जारी है। इसी क्रम में सोमवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

रुस्तम सिंह (78) ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा एक पत्र लिखा। सिंह ने पत्र में लिखा कि वह भाजपा की प्राथमिक सदस्यता और पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। सिंह के एक करीबी सूत्र ने दावा किया कि पार्टी ने उनके साथ ”उचित व्यवहार नहीं किया”।

रुस्तम सिंह के बेटे राकेश को बसपा ने मुरैना से उतारा

रुस्तम सिंह के बेटे राकेश सिंह को बहुजन समाज पार्टी ने मुरैना सीट से मैदान में उतारा है। इसके बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि रुस्तम सिंह मुरैना में अपने बेटे के लिए प्रचार करने के लिए राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी छोड़ सकते हैं।

टिकट कटने से बहुत ज्यादा हताश हूं: रुस्तम सिंह

रुस्तम सिंह ने सोमवार को प्रेस वार्ता की। जिसमें उन्होंने कहा, ‘मैंने बीजेपी में रहकर क्या कुछ नहीं किया। मैंने बीजेपी को बहुत कुछ दिया, लेकिन फिर भी मेरा टिकट क्यों काटा गया। मैंने शिवराज सरकार में रहकर इतना काम किया। जितना किसी ने नहीं किया, अगर मैं अपनी उम्र की बात करूं तो मेरे से कई और उम्रदराज प्रत्याशियों को उतारा गया है, लेकिन मेरा टिकट काट दिया गया। नाराज मंत्री ने कहा कि “मुझे बीजेपी में मान सम्मान सब मिला, लेकिन इस टिकट कटने से बहुत ही ज्यादा हताश हो गया हूं, जिसके बाद मैंने अब बसपा का दामन थामा है।’

पूर्व IPS हैं रुस्तम सिंह

रुस्तम सिंह पूर्व के पुलिस अधिकारी हैं। सिंह 8 साल जबलपुर, इंदौर और रायपुर में एसपी रहे। जिसके बाद आईजी के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली और अपनी सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक भी प्राप्त किया। सेवानिवृति के बाद सिंह ने राजनीति में हाथ आजमाया और वर्ष 2003 में बीजेपी से मुरैना विधानसभा से चुनाव लड़ा और चुनाव में जीत दर्ज की। वह 2003-2008 और 2013-2018 तक दो बार विधायक रहे। रुस्तम सिंह 2003-2008 और 2015-2018 तक दो कार्यकाल के लिए मंत्री रहे। मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए चुनाव 17 नवंबर को होने हैं।