मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पीआर 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, वहीं मतों की गिनती 3 दिसंबर 2023 को होगी। मध्य प्रदेश के धार जिले की मनावर विधानसभा सीट ऐसी सीट है, जिस पर डॉक्टर और इंजीनियर के बीच कड़ा मुकाबला होगा। BJP की ओर से 27 साल के इंजीनियर और जिला पंचायत सदस्य शिवराम कन्नौज को उम्मीदवार बनाए जाने से मुकाबला रोचक हो गया है। वहीं, कांग्रेस की ओर से डॉ हीरालाल मैदान में हैं।
आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित इस सीट पर बीजेपी के कन्नौज की मुख्य भिड़ंत कांग्रेस के मौजूदा विधायक और जनजातीय संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) के संरक्षक डॉ. हीरालाल अलावा से है। 41 साल के हीरालाल नयी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी छोड़ने के बाद 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान चुनावी राजनीति में उतरे थे। वहीं, अपना टिकट कटने से नाराज पूर्व मंत्री रंजना बघेल के बागी तेवरों ने इस सीट पर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
पहला विधानसभा चुनाव लड़ रहे इंजीनियर कन्नौज
भाजपा उम्मीदवार कन्नौज ने भोपाल के एक प्रतिष्ठित संस्थान से बी. टेक (इलेक्ट्रिकल्स) की उपाधि हासिल की है। उनके पिता गोपाल कन्नौज भाजपा नेता थे जिनकी 2021 के दौरान आंधी-तूफान में एक हादसे में मौत हो गई थी। पिता के निधन के बाद राजनीति में कदम रखने वाले शिवराम कन्नौज 2022 में धार की जिला पंचायत के सदस्य चुने गए थे। अब वह अपने जीवन का पहला विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
कन्नौज ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा से बातचीत के दौरान कहा,‘‘मनावर क्षेत्र के कई आदिवासियों को रोजगार के लिए गुजरात और अन्य राज्यों की ओर पलायन करना पड़ता है। मैं आदिवासियों को सरकारी योजनाओं के तहत उद्यमिता और कौशल विकास का प्रशिक्षण दिलाऊंगा ताकि वे अपने गृह क्षेत्र में खुद के पैरों पर खड़े हो सकें।’’ भाजपा उम्मीदवार ने आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायक अलावा आदिवासियों को आजीविका मुहैया कराने और एक सीमेंट संयंत्र के लिए अधिग्रहित उनकी जमीनें वापस दिलाने का वादा निभाने में नाकाम रहे।
कांग्रेस की तरफ से डॉ हीरालाल मैदान में
कन्नौज ने दावा किया, ‘‘हीरालाल अलावा एक बार चुनाव जीतने के बाद आदिवासियों के पास लौट कर नहीं गए। इससे लोग उनसे नाराज हैं। इस बार आदिवासी समुदाय उनके झांसे में नहीं आएगा।” वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार हीरालाल ने दावा किया कि सूबे की भाजपा की सरकार ने आदिवासियों, किसानों और बेरोजगारों के लिए कुछ भी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार कई पद आउटसोर्सिंग के जरिये भर रही है जो मौजूदा आरक्षण व्यवस्था पर सीधा हमला है। अलावा के मुताबिक वह इस बार मतदाताओं से मनावर को जिला बनवाने, क्षेत्र में बाईपास सड़क के निर्माण और शिक्षा के बेहतर केंद्र शुरू कराने के वादे कर रहे हैं।
हीरालाल ने 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा उम्मीदवार और पूर्व मंत्री रंजना बघेल को 39,501 मतों से हराया था। कन्नौज को खुद के खेमे से भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि टिकट कटने के बाद से बघेल बागी तेवर दिखा रही हैं। राजनीति के जानकारों के मुताबिक अगर बघेल मनावर सीट पर बतौर निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में उतरती हैं, तो भाजपा को बड़ा चुनावी नुकसान हो सकता है। मनावर विधानसभा क्षेत्र में करीब 2.43 लाख मतदाता हैं जिनमें से लगभग 60 प्रतिशत जनजातीय समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।