मध्य प्रदेश में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने 79 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। बीजेपी ने कई दिग्गजों को भी मैदान में उतारा है और इन्हीं में से एक नाम है कैलाश विजयवर्गीय का। कैलाश विजयवर्गीय वर्तमान में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव हैं और वह बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाते हैं।
आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भी कैलाश विजयवर्गीय को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी ने इंदौर 1 से कैलाश विजयवर्गीय को उम्मीदवार बनाया है। यह कांग्रेस की सीट मानी जाती है और यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता संजय शुक्ला विधायक हैं। लेकिन कैलाश विजयवर्गीय के मैदान में उतरने से भाजपा यहां पर कांग्रेस को पूरी टक्कर दे रही है।
कभी चुनाव नहीं हारे कैलाश विजयवर्गीय
कैलाश विजयवर्गीय ने कभी भी अभी तक चुनाव नहीं हारा है। इंदौर से अपनी राजनीति शुरू करने वाले कैलाश विजयवर्गीय वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं। कैलाश विजयवर्गीय 2018 तक मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायक रहे। उन्होंने लगातार 6 बार विधानसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी बनाया है।
कैलाश विजयवर्गीय ने महू विधानसभा सीट से 2013 में कांग्रेस के उम्मीदवार को हराया था। उसके पहले वह 1990, 1993, 1998, 2003 और 2008 के चुनाव में भी विधायक चुने जाते रहे हैं।
1956 में जन्मे कैलाश विजयवर्गीय ने अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1975 में इंदौर से की। कैलाश विजयवर्गीय ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र इकाई एबीवीपी की सदस्यता ली और उसके बाद सफलता की सीढ़ियां चढ़ते चले गए। 1983 में वह इंदौर नगर निगम के मेयर बन गए और 1985 में स्थाई समिति के सदस्य बन गए। कैलाश विजयवर्गीय इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव बन गए। वहीं विद्यार्थी परिषद के स्टेट कोऑर्डिनेटर भी 1985 में बन गए।
अमित शाह ने राष्ट्रीय टीम में किया शामिल
कैलाश विजयवर्गीय 12 साल तक मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रहे। कैलाश विजयवर्गीय का नाम मुख्यमंत्री पद की रेस में भी चल चुका है। 2015 में जब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बने, उसके बाद उन्होंने कैलाश विजयवर्गीय को बीजेपी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त कर दिया। इसके अलावा 2014 में बीजेपी ने हरियाणा में उन्हें चुनाव प्रचार का प्रभारी भी बनाया था और पार्टी ने प्रचंड बहुमत भी हासिल किया।
2014 में जब हरियाणा में पार्टी को सफलता मिली, इसके बाद अमित शाह ने 2015 में उन्हें पश्चिम बंगाल में पार्टी का प्रभारी बना दिया। यहां विजयवर्गीय ने काफी मेहनत की और पार्टी को खड़ा किया। 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बंगाल में 18 लोकसभा सीटों पर जीत मिली। कैलाश विजयवर्गीय बंगाल में पार्टी के प्रभारी बने रहे और 2021 चुनाव में बंगाल में बीजेपी को 77 विधानसभा सीटों पर जीत मिली और बीजेपी बंगाल में मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई।
2023 विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मिलने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि उनकी एक प्रतिशत भी इच्छा चुनाव लड़ने की नहीं थी, लेकिन पार्टी ने आदेश दिया है तो वह पूरा करेंगे। वहीं कई लोग मानते हैं कि कैलाश विजयवर्गीय को टिकट मिलने से शिवराज सिंह चौहान पर दबाव बनेगा। कैलाश विजयवर्गीय को टिकट मिलने के बाद इंदौर में कई जगहों पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके सीएम बनने की कामना भी की।