लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात में कांग्रेस को झटका देने वाली विधायक आशा पटेल ने कांग्रेस पार्टी और अध्यक्ष राहुल गांधी पर बड़ा आरोप लगाया है। मेहसाणा जिले ऊंझा क्षेत्र से विधायक डॉ आशा पटेल ने अपने पत्र में लिखा कि पार्टी संगठन और चुने हुए विधायकों में तालमेल नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी को भी नाकाम नेता करार दिया। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी राज्य के जरुरी मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है। विधायक के तौर पर मेरा यह दायित्व है कि मैं जिले के जरुरी मुद्दों पर काम करूं लेकिन पार्टी ने इस काम में मेरी मदद नहीं की।’ उन्होंने शनिवार को ही इस्तीफा सौंपा है।
इस्तीफे की चिट्ठी में लगाए ये आरोपः इस्तीफा देने के बाद विधायक ने कहा, ‘मैंने लंबे समय से कांग्रेस के साथ काम किया और कई अहम मुद्दों पर पार्टी का प्रतिनिधित्व किया। लेकिन कई कोशिशों के बावजूद भी अब पार्टी संगठन और चुने हुए प्रतिनिधियों के बीच तालमेल नहीं बन पा रहा है। राहुल गांधी का नेतृत्व भी नाकाम रहा है। पार्टी में गुटबाजी हावी है और नेतृत्व इसे खत्म करने में नाकाम है। वे आम आदमी की समस्याओं को नहीं उठा पा रहे हैं।’
भाजपा के दिग्गज को हराकर बनी थीं विधायकः 2017 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में आशा पटेल ने सात बार रहे विधायक पूर्व मंत्री नारायण पटेल को उनके ही गढ़ में हराया था। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहक्षेत्र में कांग्रेस के टिकट पर जीतकर विधायक बनी थीं। इस्तीफा सौंपते हुए आशा ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी देश को धर्म और जात-पात पर बांट रही है। मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देना अच्छी पहल है।
आगे की रणनीति पर नहीं खोले पत्तेः गांधीनगर में अपने आवास पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए डॉ पटेल ने कहा, ‘मैं कांग्रेस में घुटन महसूस कर रही थी और पार्टी में कुछ भी ठीक नहीं है। मैं भाजपा में शामिल नहीं हो रही हूं।’ डीएनए की एक रिपोर्ट के मुताबिक विपक्ष के कई विधायकों ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से मुलाकात की है, इनमें राधनपुर से विधायक अल्पेश ठाकोर, बेअद विधायक धवलसिंह जाला और बीछरजी विधायक भरत ठाकोर भी शामिल हैं।