Maharashtra and Haryana Assembly Elections 2019: महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 से ऐन पहले कांग्रेस में कलह और फूट सामने आने लगी है। दरअसल, गुरुवार (तीन अक्टूबर, 2019) को इन दोनों सूबों से एक-एक नेता ने टिकट बंटवारे और अपनी भूमिका के संदर्भ में नाराजगी को लेकर पार्टी के खिलाफ बागी तेवर दिखाए। महाराष्ट्र में पार्टी नेता संजय निरुपम ने कहा कि कांग्रेस में सुझाव नहीं माने जा रहे हैं, इसलिए वह पार्टी के लिए प्रचार नहीं करेंगे और यह उनका अंतिम निर्णय है। वहीं, हरियाणा में टिकट बंटवारे को लेकर खफा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने विस चुनाव को लेकर बनाई गई कई समितियों से इस्तीफा दे दिया।
निरुपम ने दो सिलसिलेवार ट्वीट् में उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी को मेरी सेवाओं की जरूरत नहीं है। मैंने विधानसभा चुनाव के लिए मुंबई से महज एक नाम की सिफारिश की थी। सुना है कि उसे खारिज कर दिया गया है। जैसा कि मैं पहले भी पार्टी नेतृत्व को बता चुका हूं कि इस स्थिति में मैं चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लूंगा। यह मेरा अंतिम निर्णय है।”
निरुपम के इस ट्वीट के बाद एक यूजर ने लिखा कि पार्टी उन्हें कांग्रेस छोड़ने की अनुमति न दे, जिस पर कांग्रेसी नेता का जवाब आया, “मुझे उम्मीद है कि अभी पार्टी को अलविदा कहने का वक्त नहीं आया है, पर जिस तरह से पार्टी नेताओं का बर्ताव है, उससे ऐसे दिन दूर भी नजर नहीं आ रहे हैं।”
निरुपम ने इसके अलावा एक अंग्रेजी चैनल से कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भी पार्टी ने उन्हें अपमानित किया था। मुंबई कांग्रेस पद से हटा दिया गया था। पूरे पांच महीने में टिकट बंटवारे की प्रक्रिया में कहीं भी शामिल नहीं किया गया। ऐसे में साफ है कि पार्टी को मेरी जरूरत नहीं है, इसलिए मैं भी इस सबसे बाहर निकल रहा हूं। यही वजह है कि मुझे अंतिम निर्णय लेना पड़ा।
#Exclusive| If my recommendations are not considered & respected, then there’s no point to continue campaigning for the Party: @sanjaynirupam, Congress Leader tells TIMES NOW. | #KahanGayiCongress pic.twitter.com/He6jh8KDGJ
— TIMES NOW (@TimesNow) October 3, 2019
हरियाणा में भी कलह, तंवर ने छोड़ी कांग्रेस की कई कमेटियां: हरियाणा में टिकट बंटवारे में समर्थकों की अनदेखी से खफा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने विस चुनाव के लिए बनी विभिन्न कमेटियों से इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार को उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा कि उन्हें समितियों से मुक्त किया जाए और वह सामान्य कार्यकर्ता की तरह पार्टी के लिए काम करते रहेंगे।
वह चुनाव के लिए बनी प्रदेश चुनाव समिति सहित कई समितियों में शामिल थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि हरियाणा कांग्रेस अब ‘हुड्डा कांग्रेस’ बनती जा रही है। तंवर ने टिकट वितरण में मेहनती कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि यह बताया जाए कि किन मापदंडों के आधार पर टिकट दिए गए हैं। बता दें कि महाराष्ट्र के साथ हरियाणा में 21 अक्टूबर को चुनाव हैं, जबकि नतीजे 24 तारीख को आएंगे।