मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए जब भाजपा ने अपनी दूसरी लिस्ट का ऐलान किया तो इसमे कुछ चौंकाने वाले नाम भी दिखाई दिए। भाजपा ने उम्मीदवारों की इस सूची में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते को मैदान में उतारा। ऐसा प्रयोग भाजपा ने राजस्थान में भी किया है। इस आर्टिकल के जरिए हम आपके सामने देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के राजनीतिक सफर की कहानी को रख रहे हैं। भाजपा ने उन्हें मध्यप्रदेश की दिमनी सीट से मैदान में उतारा है।
भारत के कृषि मंत्री : नरेंद्र सिंह तोमर
नरेंद्र सिंह तोमर भारत सरकार में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री हैं। वह पहले और दूसरे मोदी मंत्रालय के विभिन्न अवधियों के दौरान भारत सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री, पंचायती राज मंत्री, खान मंत्री और संसदीय मामलों के मंत्री रहे हैं। वह 2009 से 2014 तक मुरैना से पंद्रहवीं लोकसभा और 2014 से 2019 तक ग्वालियर से सोलहवीं लोकसभा के सदस्य भी रहे हैं। 2019 में उन्होंने अपना निर्वाचन क्षेत्र बदल दिया था और मुरैना से लोकसभा के लिए फिर से चुने गए थे। उनका जन्म मुरैना जिले के ओरेठी गांव में एक राजपूत परिवार में हुआ था। उन्होंने जीवाजी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया।
किन पदों पर रहे?
नरेंद्र सिंह तोमर 27 मई 2014 को नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट में इस्पात, खान, श्रम और रोजगार का केंद्रीय कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया था। 5 जुलाई 2016 को मोदी मंत्रालय के दूसरे कैबिनेट फेरबदल के दौरान उनसे इस्पात मंत्रालय ले लिया गया और उन्हें उन्हें पंचायती राज, ग्रामीण विकास और पेयजल और स्वच्छता मंत्री बनाया गया।
पीयूष गोयल ने खान मंत्री (स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री) के रूप में नरेंद्र सिंह तोमर की जगह ली। मई 2019 में वह ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय में बने रहे और उन्हें कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का प्रभार दिया गया।
18 सितंबर 2020 को हरसिमरत कौर बादल के पद से इस्तीफा देने के बाद तोमर को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। केंद्र सरकार में इतने पदों से गुजर कर आने के बाद अब पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने की ज़िम्मेदारी दी है। चर्चा तो यह भी है कि उन्हें मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार आने की स्थिति में मुख्यमंत्री भी बनाया जा सकता है।