Govind Singh Rajput Full Biography: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में गोविंद सिंह राजपूत को बीजेपी ने सुरखी विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है। भाजपा की शिवराज कैबिनेट में राजपूत कैबिनेट मंत्री हैं। आइए एक नजर डालते हैं गोविंद सिंह के राजनीतिक करियर पर-
मध्य प्रदेश में साल 2018 में 15 साल बाद सत्ता परिवर्तन हुआ था। सुरखी से विधायक गोविंद सिंह राजपूत कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में राजस्व एवं परिवहन मंत्री पद संभाला था। हालांकि, 15 महीने बाद मध्य प्रदेश की सियासत में बड़ी उठापठक। सिंधिया ने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया। जिसके बाद कमलनाथ सरकार गिर गई। शिवराज सिंह चौहान राज्य के मुख्यमंत्री बने। सिंधिया समर्थकों में गोविंद सिंह राजपूत भी शामिल थे। जिनको शिवराज कैबिनेट में मंत्री बनाया गया।
गोविंद सिंह राजपूत ने छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत की। राजपूत की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं थी। छात्र राजनीति के दौरान गोविंद सिंह काफी सक्रिय भूमिका में निभाते रहे। वो सागर में पूर्व मंत्री विट्ठल भाई पटेल के करीबी थे। इस दौरान गोविंद सिंह राजपूत और उनके साथी राजनैतिक रैलियों में भाग लेते थे। यानी राजपूत ने राजनीति का क, ख, ग छात्र जीवन और पूर्व मंत्री बिट्ठल भाई पटेल के साथ रहकर सीखीं।
सिंधिया परिवार के करीबी हैं गोविंद सिंह राजपूत
गोविंद सिंह राजपूत को ज्योतिरादित्य सिंधिया का काफी करीबी माना जाता है। एक बार की बात है जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता स्व.माधवराव सिंधिया जब कांग्रेस पार्टी से नाराज हो गए थे। नाराज होकर स्व. माधव राव सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर नई पार्टी ‘मध्य प्रदेश विकास पार्टी’ बनाई थी।
उसी दौरान माधवराव सिंधिया सागर में रैली करने के लिए पहुंचे थे। उनकी रैली के दौरान ही गोविंद सिंह राजपूत ने माधवराव सिंधिया के लिए एक विशाल रैली का आयोजन किया था। जिसमें काफी तादाद में युवाओं की ब्रिगेड शामिल थी। कहा जाता है कि रैली के दौरान माधवराव सिंधिया, गोविंद सिंह राजपूत से बहुत ज्यादा प्रभावित हुए थे। इस घटनाक्रम के बाद गोविंद सिंह राजपूत सिंधिया परिवार के खास लोगों में शामिल हो गए, जो आज भी जारी है। यही वजह है कि गोविंद सिंह राजपूत को सिंधिया का काफी करीबी माना जाता है।
युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे गोविंद सिंह राजपूत
गोविंद सिंह राजपूत युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रहे। साल 2002 में राजपूत को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का महासचिव भी बनाया गया था। साल 2003 में वो 12वी विधानसभा के सदस्य चुने गए और कांग्रेस विधायक दल के सचेतक और प्रार्थना याचिका एवं सरकारी उपक्रम समिति के सदस्य भी रहे। गोविंद सिंह राजपूत के भाई गुलाब सिंह राजपूत जिला अध्यक्ष भी रहे।
सुरखी विधानसभा से 2003, 2008 और 2018 में जीते
गोविंद सिंह राजपूत सुरखी विधानसभा से ही चुनाव लड़ते आ रहे हैं। वो इस सीट से तीन बार विधायक बने। साल 2003 में गोविंद सिंह राजपूत ने बीजेपी नेता भूपेंद्र सिंह मात दी। साल 2008 में गोविंद सिंह राजपूत ने भाजपा के राजेंद्र सिंह मोकलपुर को हराया। साल 2013 के विधानसभा चुनाव में गोविंद सिंह राजपूत को हार का सामना करना पड़ा। उनको बीजेपी की पारूल साहू ने हराया। दोनों प्रत्याशियों के बीच जीत का अंतर महज 141 वोट थे। इसके बाद साल 2018 में राजपूत ने सुधीर यादव को हराया।
गोविंद सिंह राजपूत के पारिवारिक पृष्ठभूमि पर नजर डालें तो राजपूत का जन्म 1 जुलाई, 1961 को सागर में हुआ। गोविंद सिंह राजपूत की पत्नी सविता राजपूत जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। राजपूत के दो बेटे और एक बेटी हैं।