मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर 2023 को मतदान होगा। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने अपने कैंडीडेट्स के नामों की घोषणा कर दी है। सोमवार को जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने 10 साल के लंबे अंतराल के बाद चुनावी राजनीति में वापसी करते हुए इंदौर-1 विधानसभा सीट से पर्चा भरा। विजयवर्गीय भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ रैली के रूप में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और नामांकन दाखिल किया। इससे पहले उन्होंने अपनी पत्नी आशा विजयवर्गीय के साथ खजराना गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना की।
पर्चा दाखिल करने के दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने संवाददाताओं से कहा,‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुए विकास के कारण पूरे मध्य प्रदेश में भाजपा की लहर है। हमें पूरा विश्वास है कि हम विधानसभा चुनावों में दो तिहाई बहुमत हासिल करके सूबे में फिर से अपनी सरकार बनाएंगे।’’ इस बार इंदौर-1 सीट से चुनावी मैदान में उतरे विजयवर्गीय की मुख्य टक्कर कांग्रेस के मौजूदा विधायक संजय शुक्ला से है। शुक्ला इस सीट से पहले ही अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं।
कांग्रेस विधायक संजय की पत्नी अंजलि शुक्ला ने भी दाखिल किया नामांकन
विजयवर्गीय अपने 40 साल के सियासी करियर में अब तक कोई भी चुनाव नहीं हारे हैं। वह इंदौर जिले की अलग-अलग सीटों से 1990 से 2013 के बीच लगातार 6 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। वहीं, पर्चा भरने की आखिरी तारीख 30 अक्टूबर को कांग्रेस विधायक संजय ने अपनी पत्नी अंजलि शुक्ला से भी नामांकन दाखिल कराकर सियासी समीक्षकों को चौंका दिया। इस बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस विधायक शुक्ला ने कहा कि मुझे लगता है कि कहीं साजिश के तहत मेरा नामांकन निरस्त न करा दिया जाए इसलिए मैंने अपनी पत्नी का पर्चा भी दाखिल कराया है।
शुक्ला ने भाजपा पर आरोप लगाया कि इंदौर-1 क्षेत्र में कुकर और साड़ियां जैसी चीजें बांटकर मतदाताओं को प्रभावित किया जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता आलोक दुबे ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि अपनी हार के पूर्वाभास से शुक्ला बौखला गए हैं।
वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारकों की नवगठित जनहित पार्टी के प्रमुख अभय जैन ने भी इस सीट से पर्चा भर दिया है। हालांकि, इस दल को फिलहाल निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव चिन्ह नहीं मिला है और इसकी ओर से विधानसभा चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार उतारे जा रहे हैं। जनहित पार्टी के प्रमुख जैन ने कहा कि उनका दल स्थानीय विषयों पर नहीं, बल्कि प्रदेश की शासन व्यवस्था बदलने के अहम मुद्दे पर विधानसभा चुनाव लड़ रहा है।