Madhubani Lok Sabha Election 2024 Date, Candidate Name: मधुबनी बिहार की ऐसी लोकसभा सीट है, जिसका अपना सांस्कृतिक महत्व बहुत ज्यादा है। यहां के आपसी व्यवहार में लोकाचार का काफी पालन होता है। तालाब, मछली, मखाना और पान यहां की पहचान है। इसके अलावा यहां बाढ़ के चलते जिंदगी चुनौती बनी रहती है। हर साल बाढ़ में लाखों लोग प्रभावित होते हैं। फसल तो बर्बाद होती ही है, लोगों की जानें भी जाती है। चुनाव में भी इसका असर दिखाई पड़ता है। यहां की जनता की मुख्य मांगों में से एक महत्वपूर्ण मांग बाढ़ से निजात दिलाना है। जनता चाहती है कि जनप्रतिनिधि इस समस्या का स्थायी निदान करें। सभी दलों के उम्मीदवारों को जनता के सामने इसका जवाब देना होगा।

मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा क्षेत्र हैं

क्षेत्र हरलाखी, बेनीपट्टी, बिस्फी, मधुबनी, जाले और केवटी शामिल है। इसमें से जाले और केवटी विधानसभा क्षेत्र दरभंगा में हैं, लेकिन उनका लोकसभा क्षेत्र मधुबनी है। विधानसभा चुनावों में भी बाढ़ एक बड़ा मुद्दा बनकर उठती है। हालांकि क्षेत्र में हालात ऐसा है कि बाढ़ के समय हफ्तों लोगों का संपर्क बाहरी दुनिया से कटा रहता है।

2019 के चुनाव में बीजेपी के अशोक यादव सफल रहे

पिछले लोकसभा चुनाव में 2019 में यहां से बीजेपी प्रत्याशी अशोक यादव ने भारी जीत हासिल की थी। उन्होंने विपक्षी गठबंधन के प्रत्याशी बद्री कुमार पूर्वे को हराया था। उनकी हार में कांग्रेस के बागी शकील अहमद के वोट काटने की भी बड़ी भूमिका थी। अशोक यादव ने 4,54,940 वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की थी। यह सिलसिला इस बार रहेगा कि नहीं, यह कहना मुश्किल है, लेकिन अभी बिहार में जिस तरह के हालात है, वह बहुत नामुमकिन भी नहीं है। विपक्ष में ठोस एकता जैसी चीज नहीं दिख रही है। बीजेपी, जेडीयू और हिंदुस्तानी अवाम पार्टी के फिर साथ आने से एनडीए फिर मजबूत दिख रही है। हालांकि आरजेडी भी मैदान में पूरी दमदारी के साथ कूदने जा रही है।

बीजेपी मौजूदा सांसद पर फिर जता सकती है भरोसा

अशोक यादव को बीजेपी से फिर टिकट मिलने की संभावना है। विपक्ष से अब्दुल बारी सिद्दीकी, गुलाब यादव आदि मैदान में दावा ठोंक सकते हैं। गुलाब यादव का जिले की राजनीति में खासा असर देखा जा रहा है. जिला परिषद अध्यक्ष पद पर उनकी पुत्री बिन्दु गुलाब यादव काबिज हैं. वहीं एमएलसी पद पर पत्नी अम्बिका गुलाब यादव हैं. आए दिन जिले की राजनीति में उनकी अहम भूमिका देखी जा रही है. कहा जा रहा है कि गुलाब यादव को अगर किसी पार्टी से टिकट नहीं मिली तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं.

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मधुबनी के मौजूदा सांसद अशोक कुमार यादव और विपक्षी नेता शकील अहमद। (फोटो- ट्विटर हैंडल)

अशोक यादव पूर्व सांसद और बीजेपी नेता हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे हैं। हुकुमदेव नारायण यादव चार बार सांसद रह चुके हैं। वह 1977 में भारतीय लोकदल के टिकट पर पहली बार संसद पहुंचे थे। बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गये। 1996 और 1998 के चुनाव में वे बीजेपी से मैदान में उतरे, लेकिन दोनों बार हार गये। 1999 में पार्टी ने उन्हें फिर से मैदान में उतारा और वे जीते भी। अगले चुनाव 2004 में वे हार गये, लेकिन 2009 और 2014 के चुनाव में वे लगातार दो बार जीते। 2019 के चुनाव में उनके बेटे अशोक यादव पर पार्टी ने भरोसा जताया और वे जबर्दस्त जीत हासिल करके पार्टी के भरोसे को कायम रखा।

मधुबनी ऐसी सीट है, जहां से कोई एक पार्टी का वर्चस्व कभी नहीं रहा। यहां की जनता कभी कांग्रेस पर कई साल भरोसा जताती रही, फिर क्षेत्रीय दल पीएसपी, एसएसपी को भी मौका दी। बाद में भारतीय लोकदल, सीपीआई जैसे दलों के उम्मीदवारों को संसद भेजी। कांग्रेस और सीपीआई को कई बार यहां का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला। 1989, 1991 और 1996 के चुनावों में सीपीआई लगातार तीन बार यहां से जीत हासिल की। पार्टी के भोगेंद्र झा दो बार और चतुरानन मिश्र एक बार यहां से सांसद बने।