लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। देश में सात चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे। चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने प्रत्याशियों की पांचवी सूची जारी की। समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव को फिर से मैदान में उतारा है। वहीं धर्मेंद्र यादव का नाम सुनते ही आजमगढ़ से बीजेपी सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ भड़क गए। उन्होंने अखिलेश यादव से पूछा कि अगर किसी यादव को ही लड़ाना था तो यादव सिर्फ उनके घर में ही पैदा हुए हैं?
निरहुआ ने कहा कि अखिलेश यादव को आजमगढ़ से फिर से परिवार के किसी सदस्य को भेजने की जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ में किसी और प्रत्याशी को उतारा जा सकता था।
अखिलेश को कोई और यादव नहीं दिखता- निरहुआ
निरहुआ ने कहा कि पूर्वांचल में अखिलेश यादव को कोई और यादव नहीं दिखता, यही दिक्कत है। निरहुआ ने यहां तक कह दिया कि अखिलेश यादव को किसी स्थानीय यादव नेता पर भरोसा नहीं है, इसलिए वह अपने परिवार से ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं।
अहीर रेजिमेंट को लेकर भी निरहुआ ने बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि अहीर रेजिमेंट अभी तक इसलिए नहीं बना है, क्योंकि इसके जिम्मेदार अहीर है। उन्होंने कहा कि अहीरों ने कभी सही प्रत्याशी नहीं चुना, अगर वह भारतीय जनता पार्टी और अहीर को पसंद करते तो कबका अहीर रेजिमेंट गठित हो गया होता। निरहुआ ने फिर से मोदी सरकार बनने का दावा किया और उन्होंने कहा कि देश की तरक्की और खुशहाली के लिए बीजेपी को जीत दिलाएं।
आजमगढ़ से हार गए थे निरहुआ
उत्तर प्रदेश 2022 विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव करहल विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। इसके बाद उन्होंने आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद यहां उपचुनाव हुए और धर्मेंद्र यादव को सपा ने टिकट दिया। लेकिन धर्मेंद्र यादव, दिनेश लाल यादव निरहुआ से 8,000 वोटों से हार गए थे। आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी की इस हार से पार्टी को करारा झटका लगा था। धर्मेंद्र यादव इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में बदायूं लोकसभा सीट से भी चुनाव हार गए थे।
