Loksabha Elections 2019: चुनावी प्रक्रिया के बीच अमेठी में एक शख्स की मौत राष्ट्रीय मुद्दा बन गई। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने उसे आधार बनाकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर जुबानी हमला किया। केंद्रीय मंत्री ने इस बारे में कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के हाथ खून से सने हैं। अमेठी में उन्हीं की वजह से एक मरीज की जान चली गई। ईरानी का दावा था कि आयुष्मान भारत योजना का कार्ड होने के बाद भी उस व्यक्ति का इलाज नहीं हुआ, जबकि पीएम ने भी मंत्री के बयान का समर्थन किया।

हाल ही में ‘टीवी9भारतवर्ष’ ने मामले की पड़ताल की, जिसमें कुछ बातें केंद्रीय मंत्री के दावे पर सवालिया निशान लगाती हैं। अस्पताल द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों (सबूतों) के आधार पर चैनल ने दावा किया कि नन्हे लाल मिश्रा को अस्पताल में भर्ती किया गया था, जबकि पीड़ित पक्ष और ईरानी का कहना था कि नन्हे लाल का इलाज हुआ ही नहीं।

केंद्रीय मंत्री ने घटना से जुड़ा एक वीडियो भी जारी किया था। उसमें पीड़ित पक्ष ने बताया था, ”आयुष्मान कार्ड लेकर जब हम लोग अस्पताल गए, तो डॉक्टर सिद्धार्थ ने कहा था- यह योगी-मोदी की सरकार है और ये कांग्रेस का, राहुल गांधी का अस्पताल है…संजय गांधी। यहां कार्ड नहीं चलेगा। आप मरीज को ले जा सकते हैं। यहां नहीं होगा (इलाज)। हमने हाथ-पैर तक जोड़े पर फिर भी वे नहीं माने।”

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मृतक अमेठी के मुसाफिर खाने क्षेत्र स्थित दादर गांव निवासी थे। वह शराब के आदी थे, जिसके चलते उनका लीवर फेल हो गया था। दावा है कि 25 अप्रैल को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जबकि अगले दिन ही उनकी मौत हो गई थी। अस्पताल पक्ष का इस बाबत कहना था कि मरीज को भर्ती कराने के दौरान आयुष्मान भारत का कार्ड नहीं था। अगले दिन पीड़ित पक्ष कार्ड लेकर आया था, पर बैक डेट में हमारे पास कोई कार्ड के तहत इलाज मुहैया कराने की कोई परियोजना नहीं है।

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