Loksabha Elections 2019: आम चुनाव की मतगणना से महज दो दिन पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में कथित छेड़छाड़ की खबरें आने के बाद मंगलवार को राजनीतिक विवाद पैदा हो गया। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी इस मामले में दखल दी। उन्होंने कहा कि इन वोटिंग मशीनों को लेकर चल रही तमाम अटकलों पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग (ईसी) की है। यूपी के कुछ हिस्सों में इस मुद्दे पर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद विपक्ष को ईवीएम में पड़े वोटों का मिलान वीवीपीएटी की पर्चियों से करने के आंकड़े को बढ़ाने के लिए ईसी पर दबाव बनाने का एक और मौका मिल गया। विपक्ष ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर पहले भी ईसी से भिड़ता रहा है। ईवीएम को कथित तौर पर इधर-उधर ले जाने और इन मशीनों से छेड़छाड़ के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विरोध प्रदर्शन होने लगे।
हालांकि, ईसी ने इस आरोप को ‘‘ओछा’’ और ‘‘अवांछित’’ करार दिया। ईसी ने यह भी कहा कि 11 अप्रैल को शुरू और 19 मई को खत्म हुए सात चरणों के चुनाव के लिए इस्तेमाल की गई वोटिंग मशीनें स्ट्रॉन्गरूमों में ‘‘पूरी तरह सुरक्षित’’ हैं। विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कांग्रेस ने कहा कि चुनाव आयोग को देश के विभिन्न हिस्सों से स्ट्रॉगरूमों से ईवीएम को लाने-ले जाने की शिकायतों का निदान करने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने चाहिए।
ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं कि गुरूवार को मतगणना से पहले चुनावों में इस्तेमाल हुई वोंिटग मशीनों की जगह नई ईवीएम रखी जा रही हैं। ईसी ने बयान जारी कर स्पष्ट किया कि ऐसी सभी खबरें और आरोप ‘‘पूरी तरह गलत और तथ्यात्मक तौर पर सच्चाई से परे हैं।’’ आयोग ने कहा कि टीवी और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दृश्यों का चुनाव के दौरान इस्तेमाल की गईं ईवीएम से कोई लेना-देना नहीं है। इस पूरे विवाद में दखल देते हुए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ईवीएम संबंधी विवाद को लेकर मतदाताओं के फैसले से कथित छेड़छाड़ पर चिंता जताई।
उन्होंने ट्विटर हैंडल पर जारी एक बयान में कहा, ‘‘मैं मतदाताओं के फैसले से कथित छेड़छाड़ की खबरों पर चिंतित हूं। आयोग की देखरेख में मौजूद इन ईवीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी आयोग की है।’’ मुखर्जी ने कहा कि जनादेश अत्यंत पवित्र होता है और इसमें लेशमात्र भी संशय नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में संस्थागत सत्यनिष्ठा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भारतीय चुनाव आयोग पर है। उसे उन्हें पूरा करते हुए सभी अटकलों पर विराम लगाना चाहिए।’’ पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी ने लोकसभा चुनाव ‘‘शानदार’’ तरीके से कराने के लिए सोमवार को चुनाव आयोग की तारीफ की थी।
दूसरी ओर राजनीतिक पार्टियों ने अपने नेताओं, उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं को सभी जिलों में उन जगहों पर चौकस रहने का निर्देश दिया है जहां चुनावों में इस्तेमाल ईवीएम रखी गई हैं। भाजपा ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के लिए विपक्षी पार्टियों की निंदा की और उनसे कहा कि यदि जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार को फिर से सत्ता में लाने का जनादेश देती है तो विपक्षी पार्टियों को गरिमा के साथ इसे स्वीकार करना चाहिए। एग्जिट पोलों (चुनाव बाद सर्वेक्षणों) में दिखाया गया है कि भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार सत्ता में बरकरार रहेगी।