Loksabha Elections 2019: मध्य प्रदेश के भोपाल से लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शहीद हेमंत करकरे को लेकर दिए विवादित बयान पर माफी मांग ली है। उन्होंने कहा है कि वह अपनी टिप्पणी वापस लेती हैं। शुक्रवार (19 अप्रैल, 2019) शाम उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई में कहा, “मुझे लगा था कि हमारे देश के दुश्मनों को उससे फायदा हुआ था। यही वजह है कि मैं अपना बयान वापस लेती हूं और उसके माफी भी मांगती हूं। वह मेरा निजी दर्द था।”
बकौल ठाकुर, “वह (करकरे) दुश्मन देश के आतंकियों की गोलियों से मारे गए थे। ऐसे में उन्हें शहीद कहा जा सकता है।” इससे पहले, एक चैनल से बातचीत में साध्वी ने कबूला- यह मेरा निजी मामला है, क्योंकि मैंने यातनाएं सही हैं। मैं संन्यासी हूं। अपने भाव में रहती हूं। जिसने हमें प्रताड़ित किया है, तो हमारा भाव गलत हो ही नहीं सकता। हां, निश्चित तौर पर हम देश को कमजोर नहीं होने देंगे। अगर दुश्मनों को इससे बल मिलता है, तब मैं अपना वह बयान वापस लेती हूं। देखें, और क्या बोलीं साध्वी प्रज्ञाः
हेमंत करकरे पर दिए बयान पर साध्वी प्रज्ञा ने की आजतक से EXCLUSIVE बातचीत, कहा 'यह मेरा व्यक्तिगत बयान है क्योंकि मैंने पीड़ा सही है लेकिन देश के दुश्मनों को अगर इससे बल मिल रहा है तो मैं बयान वापस लेती हूं' (@ReporterRavish) #ReporterDiary अन्य वीडियो: https://t.co/mf6keLEwEb pic.twitter.com/BHVYg3ChIt
— AajTak (@aajtak) April 19, 2019
44 वर्षीय साध्वी, मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपी भी हैं। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं। गुरुवार शाम उन्होंने लालघाटी इलाके में भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में मुंबई एटीएस के दिवंगत प्रमुख का नाम लेते हुए कहा, ”‘मैं मुंबई जेल में थी उस समय। जांच जो बिठाई थी, सुरक्षा आयोग के सदस्य ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि जब सबूत नहीं है तो साध्वी जी को छोड़ दो। सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, गैरकानूनी है। लेकिन उसने (करकरे) कहा कि मैं साध्वी को नहीं छोड़ूंगा।”
साध्वी ने हिरासत के दौरान यातना देने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘”इतनी यातनाएं दीं, इतनी गंदी गालियां दीं जो असहनीय थी, मेरे लिए और मेरे लिए नहीं, किसी के लिए भी। मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा। ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जब किसी के यहां मृत्यु होती है या जन्म होता है। जिस दिन मैं गई थी, उस दिन इसके सूतक लग गया था। ठीक सवा महीने में जिस दिन उसको आतंकवादियों ने मारा उस दिन सूतक का अंत हो गया।” (भाषा इनपुट्स के साथ)