Loksabha Elections 2019: मध्य प्रदेश के भोपाल से आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर चुनाव आयोग (ईसी) का चाबुक चल गया है। बुधवार (एक मई, 2019) शाम चुनाव आयोग (ईसी) ने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन को लेकर उनके प्रचार पर तीन दिनों के लिए रोक लगा दी। साध्वी पर यह अस्थाई प्रतिबंध गुरुवार (दो मई) की सुबह छह बजे से प्रभाव में आएगा। वहीं, प्रचार पर अस्थाई प्रतिबंध लगने पर साध्वी ने मीडिया से कहा, “कोई बात नहीं। मैं उनका सम्मान करती हूं।”
दरअसल, साध्वी के खिलाफ हालिया कार्रवाई उनके बाबरी मस्जिद विध्वंस और उससे पहले दिवंगत हेमंत करकरे पर दिए गए बयान पर हुई है। उन्होंने कहा था, “मुझे बाबरी मस्जिद के विध्वंस पर गर्व है।” बता दें कि साध्वी, 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में आरोपी भी हैं। ताजा मामले में ईसी के पैनल ने साध्वी के बयानों पर उनकी कड़ी निंदा की। साथ ही चेताया कि वह भविष्य में इस प्रकार की गलती न करें।
क्या कहा था हालिया मामले में?: साध्वी ने एक साक्षात्कार में कहा था कि वह बाबरी मस्जिद के ऊपर चढ़ गई थीं और उन्होंने उसके विध्वंस में भी सहायता की थी। बकौल बीजेपी कैंडिडेट, “मैंने ढांचे पर चढ़कर उसे तोड़ दिया था। मुझे फक्र है कि ऊपर वाले ने मुझे यह मौका दिया। साथ ही शक्ति दी, ताकि मैं वह काम कर सकी। अब उसी जगह पर भगवान श्री राम का मंदिर बनाएंगे।”
इससे पहले, ईसी ने साध्वी के मुंबई आतंकी हमलों के हीरो और दिवंगत पूर्व एसीपी हेमंत करकरे को लेकर भी विवादित बयान दिया था। करकरे को लेकर साध्वी बोलीं थीं- मालेगांव धमाका मामले में एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (एटीएस) चीफ के नाते उन्होंने मुझे बहुत टॉर्चर किया था, लिहाजा मैंने उन्हें श्राप दिया था। यही वजह रही कि मुंबई आतंकी हमलों के दौरान उनकी जान चली गई थी।
बकौल साध्वी, “करकरे ने मुझे गलत तरीके से फंसाया और वह मेरे साथ बुरी तरह से पेश आए। मैंने तभी उनसे कहा था कि उनका पूरा परिवार बर्बाद हो जाएगा। वह अपने कर्मों की वजह से मारे गए।” हालांकि, ईसी अधिकारियों ने साध्वी से इस बयान पर स्पष्टीकरण भी मांगा था।