Loksabha Elections 2019: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आम चुनाव में जीत के लिए यज्ञ किया। मंगलवार (सात मई, 2019) को उनके साथ उस दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे साधु कंप्यूटर बाबा ने साथ दिया। 52 वर्षीय साधु बीजेपी से खफा होकर मुख्य विपक्षी दल का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बीते पांच सालों में अयोध्या में राम मंदिर नहीं बना पाई, इसलिए अब ‘राम मंदिर नहीं तो मोदी भी नहीं’।

दिग्विजय, भोपाल लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में है, जबकि उनके खिलाफ बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को टिकट दिया है। कांग्रेसी उम्मीदवार को जिताने के लिए कंप्यूटर बाबा ने वहां धूनी जलाकर अनुष्ठान भी किया। यह पूछे जाने पर कि वह इस चुनाव में आप किसके साथ हैं? पत्रकारों से उन्होंने कहा, “धर्म के साथ साधु समाज है। बीजेपी सरकार ने अभी तक बेवकूफ ही बनाया है, संत समाज और जनता जनार्दन को।”

बकौल कंप्यूटर बाबा, “वे (बीजेपी वाले) झूठ बोलते हैं। इन्होंने राम मंदिर (निर्माण) की बात कही थी। पांच साल में मंदिर भी नहीं बना पाए और फिर (मंदिर निर्माण की बात) लेकर आ गए। अब जनता जनार्दन और संत समाज बेवकूफ नहीं बनेगा। अब राम मंदिर नहीं तो मोदी नहीं।”

साधु के अनुसार, “पूरे साधु समाज का कहना है कि ‘राम राम ही अबकी बार, बदल कर रख दो चौकीदार।” दिग्गी को जिताने के लिए अनुष्ठान पर उन्होंने कहा, “हमारा अनुष्ठान हो गया। तप-तपस्या हो गई। संतों ने अपने तरीके से अनुष्ठान किया, हठ योग किया, तप किया। अखाड़ा वाले संतों ने अखाड़ा खेल करके ईश्वर से प्रार्थना की कि धर्म से चलने वाला व्यक्ति, जो नर्मदा की सेवा करने वाला, संतों की सेवा करने वाले दिग्विजय सिंह हैं, वह लाखों वोट से विजयी हों।”

साध्वी प्रज्ञा का जिक्र करते हुए वह आगे बोले, “ड्रेस (भगवा) पहनने से कोई साधु नहीं हो जाता है। जो बम ब्लास्ट में फंसे, जो हत्याकांड में है और कोर्ट से जमानत से बाहर आए, क्या बीजेपी को कोई और नहीं मिला। अरे शिवराज चौहान लड़ लेते चुनाव। शिवराज क्यों नहीं लड़े? अरे बहुत सारे बड़े-बड़े नेता थे। उमा भारती ने मना किया। कोई तो लड़ना चाहता नहीं। मालूम है दिग्विजय धर्म से चलने वाला, नर्मदा के प्रति आस्था रखने वाला व्यक्ति है। वो जीतेगा, इसलिए ये सामने नहीं आये और बलि का बकरा देवीजी (प्रज्ञा) को बना दिया।” (भाषा इनपुट्स के साथ)

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