Lok Sabha Election 2019: पश्चिम बंगाल के आसनसोल से तृणमूल प्रत्याशी मुनमुन सेन ने हिंसा की घटनाओं पर कहा कि थोड़ा तो होगा ही, हर जगह होता है। उन्होंने कहा, “अभी तक मैं अपने वरिष्ठ नेताओं से से नहीं मिली हूं और जब हम एक साथ बैठेंगे तब जानेंगे कि कहां और क्यों हिंसा की घटना हुई। थोड़ा तो होगा ही, हर जगह होता है। पहले की तुलना में काफी कम हिंसा हुई है।” दरअसल, बंगाल में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में मतदान पहले कुछ घंटों में हिंसा के चलते बाधित हुआ। भाजपा उम्मीदवार एवं केन्द्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो की कार में तोड़फोड़ की गई। राज्य में चौथे चरण में आठ लोकसभा संसदीय क्षेत्रों में मतदान हुआ। वरिष्ठ चुनाव अधिकारी के अनुसार, बीरभूम सीट के नानूर, रामपुरहाट, नलहाटी और सिउरी इलाकों में प्रतिद्वंद्वी दलों के समर्थकों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें कई लोग घायल हो गए।

निर्वाचन क्षेत्र के दुबराजपुर इलाके में, मतदाताओं ने केंद्रीय बलों के साथ कथित तौर पर हाथापाई की, जब उन्हें मोबाइल फोन के साथ मतदान केन्द्र में प्रवेश करने से रोक दिया गया। अधिकारी ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षार्किमयों ने कथित तौर पर हवा में गोलियां चलाईं, जिसके बाद इन मतदान केन्द्रों पर मतदान कुछ समय के लिए बाधित हो गया। उन्होंने बताया कि राज्य निर्वाचन कार्यालय को वर्द्धमान पूर्व निर्वाचन क्षेत्र के जेमुआ और बाराबनी क्षेत्रों से भी हिंसा की खबरें मिली हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ बाराबनी में, एक मतदान केंद्र के बाहर तृणमूल कार्यकर्ताओं ने भाजपा प्रत्याशी एवं केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के वाहन में कथित तौर पर तोड़-फोड़ की, जबकि जेमुआ में उपद्रवियों द्वारा धमकी दिए जाने के बाद एक मतदान केंद्र से मतदाता भाग गए।’’

खबरों के अनुसार, सुप्रियो का एक मतदान केन्द्र के अंदर मतदान अधिकारियों के साथ झगड़ा हो गया, जिसके बाद तृणमूल समर्थकों ने उनके वाहन पर हमला कर दिया। वहीं सुप्रियो ने कहा, ‘‘ मैं बाराबनी में चुनाव प्रक्रिया देखने गया था और मैंने देखा की मतदाताओं को वोट नहीं डालने दिया जा रहा। हमारी लड़ाई लोकतंत्र स्थापित करने की है। यह काफी शर्मनाक है कि मुझे एक लोकतात्रिक देश में यह कहना पड़ रहा है।’’ वरिष्ठ चुनाव अधिकारी ने चुनाव संबंधी हिंसा पर लगाम कसने के लिए उपयुक्त उपाय करने का आश्वासन भी दिया।

उन्होंने कहा , ‘‘पहले दो घंटों में मतदान शांतिपूर्ण रहा। हालांकि, उसके बाद झड़पों की खबरें सामने आने लगीं। हमने इनमें से प्रत्येक जगह से रिपोर्ट मांगी है। हमारे अधिकारी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने के लिए उचित कदम उठा रहे हैं।’’ बाराबनी में चुनाव आयोग ने भाजपा उम्मीदवार दूध कुमार मंडल को कारण बताओ नोटिस भी दिया है। उन्हें वोट डालने से कुछ देर पहले ही मतदान केन्द्र के अंदर मोबाइल फोन ले जाते हुए देखा गया था। उन्होंने बताया कि मतदान केन्द्र के प्रभारी को भी निलंबित कर दिया गया है।

चुनाव आयोग बीरभूम के तृणमूल अध्यक्ष अनुब्रत मंडल पर भी नजर रख रहा है। कुछ चुनाव कार्यकर्ताओं ने उनकी मौजूदगी में ‘‘भय’’ महसूस करने की शिकायत की थी। तृणमूल पर लगभग हर मतदान केन्द्र पर धांधली का आरोप लगाते हुए भाजपा के कृष्णानगर उम्मीदवार कल्याण चौबे ने कहा कि कई इलाकों में मतदाताओं को वोट नहीं डालने दिया गया। तृणमूल के कृष्णनगर के उम्मीदवार महुआ मोइत्रा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह बेबुनियाद एवं झूठ है। राज्य के आठ निर्वाचन क्षेत्रों- बहरामपुर, कृष्णानगर, राणाघाट (एससी), वर्द्धमान पूर्व ((एससी) वर्द्धमान-दुर्गापुर, आसनसोल, बोलपुर (एससी) और बीरभूम में कुल 1,34,56,491 मतदाताओं ने सोमवार को 68 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने के लिए मताधिकार का प्रयोग किया। (भाषा इनपुट के साथ)