Lok Sabha Election 2019: निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल में बढ़ती हिंसा को देखते हुए चुनाव प्रचार की समय-सीमा में कटौती कर दी है। 19 मई के चुनाव के अंतिम चरण के चुनाव के लिए 17 मई के शाम पांच बजे तक चुनाव प्रचार होना था जिसे आयोग ने 16 मई की रात 10 बजे तक सीमित कर दिया है। यानी प्रचार की अवधि में एक दिन की कटौती की है। आयोग में हाई लेवेल मीटिंग के दौरान इसका फैसला लिया गया। आयोग के अधिकारियों ने राज्य के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिए समीक्षा बैठक की। उसके बाद यह फैसला लिया। आयोग ने पश्चिम बंगाल में कई अधिकारियों का तबादला भी किया है।
बता दें कि एक दिन पहले ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान कोलकाता की गलियों में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं। 19 मई को जिन 59 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान होना है उनमें नौ निर्वाचन क्षेत्र पश्चिम बंगाल के हैं।
तृणमूल ने इस मामले पर आयोग के साथ बैठक की मांग की थी, वहीं भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से मंगलवार को अपील की कि वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राज्य में चुनाव प्रचार करने पर प्रतिबंध लगाए और आरोप लगाया कि राज्य में ‘‘संवैधानिक व्यवस्था’’ चरमरा गई है।
वहीं, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने पश्चिम बंगाल में उपजी चुनावी हिंसा के लिये भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को जिम्मेदार ठहराते हुये कहा है कि इससे ‘बंगाल की आत्मा’ पर कुठाराघात किया गया है। येचुरी ने कोलकाता में चुनावी हिंसा के दौरान समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़े जाने की घटना का जिक्र करते हुये बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘भाजपा और तृणमूल कांग्रेस द्वारा उत्पन्न की गई अराजकता ने बंगाल की आत्मा पर कुठाराघात किया है। उन्हें (भाजपा और तृणमूल कांग्रेस को) निश्चित रूप से इस जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ने दिया जा सकता।’’
येचुरी ने विद्यासागर की प्रतिमा क्षतिग्रस्त किये जाने की घटना का जिक्र करते हुये एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘यह सिर्फ एक प्रतिमा का मामला नहीं है बल्कि यह बंगाल पर सुनियोजित हमला है। बंगाल में नवजागरण काल के सबसे बड़े प्रतीकों में शुमार शख्सियत (विद्यासागर) पर भाजपा, आरएसएस ने हमला किया है। प्रगति विरोधी इन लोगों ने हमेशा ही विद्यासागर के विचारों का विरोध किया।’’