Lok Sabha Election 2019: योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा सीपीआई (एम) के उम्मीदवार सीताराम येचुरी का नामांकन चुनाव आयोग से रद्द करने की मांग पर एंकर ने कहा कि पहले अपनी जानकारी दुरुस्त कीजिए। दरअसल, सीताराम येचुरी ने कहा था कि रामायण और महाभारत भी हिंसा और लड़ाई के उदाहरणों से भरे हुए हैं। बाबा रामदेव ने येचुरी के बयान का विरोध किया है और चुनाव आयोग से उनके नामांकन को रद्द करने की मांग की है।
एंकर ने बाबा से पूछा, “आप मुझे ये बताएं कि हिंदू धर्म में ऐसे साधु, संत, महात्मा नहीं हुए हैं, जिनके मठों की आपस में लड़ाईयां रही है? जिनके मठों में गद्दी हासिल करने के लिए दूसरों की हत्या करवा दी गई है। ऐसे साधु, महात्मा, संत नहीं रहे हैं, जिनके ऊपर गद्दी हथियाने के लिए अपने गरुओं की हत्या का आरोप लगे हैं? उन्होंने (सीताराम येचुरी) ने इसे जोड़ा है ‘हिंदू आतंकवाद के साथ।’ आप लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि ‘हिंदू हिंसक नहीं हो सकता।’ आप नकार सकते हैं इसको?”
बाब रामदेव ने इसके जवाब में कहा, “घरेलू हिंसा, पति-पत्नी में हिंसा, भाई-भाई में हिंसा, गुरु-शिष्य में हिंसा, व्यक्ति के अंदर स्वभाविक रूप से हिंसा-अहिंसा, सत्य-असत्य, झूठ-सच, ईमानदारी, सदाचार-दुराचार है। ये प्रकृति का स्वभाव है। ये कोई संस्कृति नहीं है। ये कोई मत व संप्रदाय नहीं है। हमने व्यक्ति को नहीं, व्यक्तित्व को माना है। चित्र नहीं, चरित्र को माना है। हमने उन महापुरुषों को आदर्श माना है, जिन्होंने श्रेष्ठ आचरणों का पालन किया है। इसलिए, मैं मानता हूं कि सभी समाज में हिंसक लोग होते हैं। सभी समाज के अंदर लोग क्रूरता भी करते हैं। दुराचार, अनाचार, व्याभिचार, चोरी, चकारी करते हैं। लेकिन आप किसी सभ्यता और संस्कृति को इस बहाने बदनाम नहीं कर सकते हैं। आप उसके ऊपर कोई भद्द टिप्पणी नहीं कर सकते हैं।
रामदेव ने आगे कहा, “उन्होंने (सीताराम येचुरी) पूरे समाज को हिंसक और क्रूर कहा है। यह घोर आपत्तिजनक है। ये न तो इतिहास के आधार पर सही है और न हीं तथ्यों के आधार पर सही है। और न हीं संस्कृति और सभ्यता के आधार पर सही है। मैं इसका विरोध करता हूं। पूरे देश को इसका विरोध करना चाहिए। मैं तो चुनाव आयोग से कहता हूं कि सीताराम येचुरी का नामांकन रद्द होना चाहिए। उनको चुनाव नहीं लड़ने देना चाहिए। गिरफ्तार कर के जेल की सलाखों के पीछे डाल देना चाहिए।”
बाब रामदेव के इस बयान पर एंकर ने कहा, “मैं आपकी जानकारी दुरुस्त कर दूं कि वो चुनाव मैदान में नहीं हैं, जैसा आप सोच रहे हैं। दूसरी बात ये कि आप की नजर हिंसा और आतंकवाद का धर्म होता है क्या?” बाबा ने कहा, “किसी भी हिंसा का धर्म, मजहब और संस्कृति नहीं होती, ये व्यक्ति के अंदर की विकृति है। हमारे हिंदू धर्म, संस्कृति और सभ्यता को कोई गाली देगा, उसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा। मैं धर्म को जीवन का श्रेष्ठ आचरण मानता हूं।”
दूसरी ओर रामदेव ने शनिवार को माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के कथित तौर पर हिंदू समुदाय को हिंसा से जोड़ने पर उनके खिलाफ हरिद्वार में शिकायत दर्ज कराई है। हरिद्वार के एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने फोन पर बताया कि अपनी शिकायत में रामदेव ने आरोप लगाया है कि येचुरी ने हिंदुत्व को हिंसा से जोड़कर पूरे देश के हिंदुओं की भावनाओं को चोट पहुंचाई है।
रामदेव ने आरोप लगाया कि येचुरी ने धर्म को बदनाम करने का प्रयास किया है जिसकी निश्चित ही आलोचना की जानी चाहिये। खंडूरी ने बताया कि इस मामले की प्राथमिकी पर कार्रवाई करने के आदेश दे दिये गए हैं। गौरतलब है कि येचुरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य भाजपा नेताओं के इस दावे कि हिंदू हिंसा में संलग्न नहीं हो सकता, का उल्लेख करते हुये शुक्रवार को कहा था कि रामायण और महाभारत जैसे हिंदू पौराणिक ग्रंथों में हिंसा की अनेक घटनाएं हैं। येचुरी ने कहा कि यह कहना कि हिंदू हिंसा में लिप्त नहीं हो सकता, भ्रांति है। (भाषा इनपुट के साथ)