तमिलनाडु में भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन के सीट बंटवारे के एलान के ठीक एक दिन बाद यूपीए गठबंधन ने भी सीटों के बंटवारे का एलान कर दिया। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) और कांग्रेस मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। समझौते के मुताबिक राज्य की 39 लोक सभा सीटों में से 9 पर कांग्रेस उम्मीदवार उतारेगी जबकि 30 सीटें डीएमके के खाते में गई हैं। पुडुच्चेरी की एक मात्र संसदीय सीट पर कांग्रेस को डीएमके समर्थन देगी। डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन ने बुधवार (20 फरवरी) की शाम इसका एलान किया। मंगलवार (19 फरवरी) को नई दिल्ली में तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष के एस अलागिरी और डीएमके की तरफ से कनिमोझी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी और सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दिया था। इससे पहले पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी सीट बंटवारे पर बैठक की थी। अब डीएमके अपने खाते से अन्य सहयोगी दलों को सीटें दे सकती हैं। डीएमके सूत्रों ने बताया कि पार्टी सीपीआई, सीपीआईएम, एमडीएमके, आईयूएमएल और वीसीके को एक-एक सीट दे सकती है।

मंगलवार को तमिलनाडु के नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, अहमद पटेल और गुलाम नबी आजाद से भी मुलाकात की थी। बता दें कि साल 2014 में राज्य में डीएमके और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था और दोनों ही पार्टियों को एक भी सीट हासिल नहीं हो सकी थी। राज्य की 39 सीटों में से 37 पर एआईएडीएमके, एक पर भाजपा और एक पर पीएमके उम्मीदवार की जीत हुई थी। पीएमके और भाजपा ने गठबंधन किया था। इस बार एनडीए में भाजपा, एआईएडीएमके और पीएमके साथ-साथ है। इनके अलावा चार और छोटी पार्टियां एनडीए गठबंधन में है।

2014 के लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके को 37 सीटें और 44.3 फीसदी वोट मिले थे जबकि डीएमके ने जीरो सीट के साथ 26.8 फीसदी वोट पर कब्जा जमाया था। भाजपा के कोल 5.5 फीसदी वोट के साथ एक सीट मिली थी जबकि पीएमके को 4.5 फीसदी वोट और एक सीट मिली थी। कांग्रेस को सबसे कम 4.3 फीसदी वोट मिले थे लेकिन एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी।