देशभर में कांग्रेस को मजबूत करने की मुहिम में सबसे ज्यादा योगदान युवाओं से मिल रहा है। पार्टी के आंकड़े बताते हैं कि चुनाव के लिए आर्थिक सहयोग करने वालों में सबसे आगे युवा कार्यकर्ता हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश में शुरू किए गए चंदा अभियान में अब तक सबसे ज्यादा पैसा युवा कांग्रेस से आया है। केवल बीस दिन के भीतर कांग्रेस को एक करोड़ से भी अधिक का चंदा युवा कांग्रेस की आनलाइन मुहिम के माध्यम से मिला है। युवा कांग्रेस से पार्टी को ‘देश’ और ‘न्याय’ दोनों श्रेणी में अब तक कुल 2,64,94,748 रुपए का आर्थिक सहयोग मिला है।

कांग्रेस ने संगठन को मजबूत करने के लिए आर्थिक सहयोग के वास्ते इस आनलाइन अभियान की शुरुआत की थी। पार्टी को 27 फरवरी, 2024 तक कुल 23,03,59,406 रुपए की धनराशि आनलाइन बतौर आर्थिक सहयोग में मिली थी। जबकि, 18 मार्च तक पार्टी के खजाने में कुल 24,18,21,868 रुपए का सहयोग पहुंच चुका था।

इस धनराशि में ह्यन्यायह्ण अभियान के तहत कुल 7,26,61,187 रुपए का योगदान मिला है। आंकड़े बताते हैं कि महज बीस दिन के अंदर इस मद में पार्टी को कुल 1,14,62,462 रुपए की धनराशि आनलाइन कार्यकर्ताओं द्वारा दी गई है। इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी पार्टी के युवा संगठन की है।

न्याय अभियान के तहत सबसे ज्यादा आर्थिक मदद देने वाले संगठनों को भी कांग्रेस ने सूचीबद्ध किया है। इनमें सबसे अधिक सहयोग करने वाले पांच संगठनों को वरियता दी गई। पार्टी की एक रपट के मुताबिक, सबसे ज्यादा पैसा युवा कांग्रेस से 1,00,70,475 रुपए मिला है। इसके बाद अल्पसंख्यक संगठन ने 92,97,585 रुपए और कामकाजी कांग्रेस संगठन ने 45,34,042 रुपए पार्टी के खाते में जमा कराए हैं।

इसी तरह चौथे नंबर पर पार्टी की ओबीसी शाखा ने 13,95,340 रुपए और महिला कांग्रेस ने 11,00,263 रुपए की धनराशि का आर्थिक सहयोग दिया है। इस आंकड़े को अगर न्याय और देश की श्रेणी के सहयोग के आधार पर भी देखा जाए तो इसमें भी युवा कांग्रेस अब तक सबसे आगे है। इन दोनों मद से युवा कांग्रेस ने 2,64,94,748 रुपए पार्टी के खजाने में जमा कराए हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल में मुंबई में अपनी न्याय यात्रा पूर्ण की है। इसका असर भी युवाओं पर साफ नजर आया है। इसी दौरान राहुल ने युवाओं के लिए पार्टी की न्याय गारंटी की भी घोषणा की है। कांग्रेस को सबसे अधिक आर्थिक सहयोग करने वाले पांच प्रमुख राज्यों में राजस्थान (18.8 फीसद), उत्तर प्रदेश (10.3 फीसद), महाराष्ट्र (8.6 फीसद), गुजरात (5.8 फीसद) और कर्नाटक (4.8 फीसद) शामिल हैं।