
प्रत्येक बोली-भाषा समुदाय की अपनी ज्ञान-शृंखला है। एक बोली के विलुप्त होने के साथ उसका कृषि, आयुर्वेद, पशु-स्वास्थ्य, मौसम, खेती…
प्रत्येक बोली-भाषा समुदाय की अपनी ज्ञान-शृंखला है। एक बोली के विलुप्त होने के साथ उसका कृषि, आयुर्वेद, पशु-स्वास्थ्य, मौसम, खेती…
यह दुखद है कि भारत में अब जैव विविधता नष्ट होने, जलवायु परिवर्तन और बढ़ते तापमान के दुष्परिणाम तेजी से…
देश में एक सशक्त तालाब प्राधिकरण गठित हो, जो सबसे पहले देशभर की जल-निधियों का सर्वे करवा कर उनका मालिकाना…
बगैर सोचे-समझे नदी-नालों पर बांध बनाने के कुप्रभावों के कई उदाहरण पूरे देश में देखने को मिल रहे हैं। वैसे…
आधी-अधूरी मतदाता सूचियां, कम मतदान, मध्यवर्ग की मतदान में कम रुचि, महंगी निर्वाचन प्रक्रिया, चुनाव में बाहुबलियों और धन्नासेठों की…
जलवायु परिवर्तन के कारण मानव जीवन के सामने अनेक तरह की परेशानियां पैदा हो गई हैं। सबसे अधिक दुष्प्रभाव जमीन…
यह अकेलापन ‘राग दरबारी’ में भी दिखता है। इसके अलावा: ‘मैं लिखता हूं क्योंकि मुझे आशा है कि शायद इस…
बांग्लादेश को छूती हमारी जमीनी और जल-सीमा लगभग खुली पड़ी है। इसका फायदा उठाकर बांग्लादेश के लोग बेखौफ यहां आते…
बुंदेलखंड की असली समस्या अल्पवर्षा नहीं है, वह तो यहां सदियों से, पीढ़ियों से रही है। पहले यहां के बाशिंदे…
हम हर दिन वनस्पति और जंतुओं की किसी न किसी प्रजाति को सदा के लिए खो रहे हैं, खेत और…
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