दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। इस बीच देश में लोकसभा चुनाव का भी बिगुल बज चुका है। दिल्ली में इस लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने नया प्रयोग किया है। इंडिया गठबंधन के तहत दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस तीन लोकसभा सीटों पर तो वहीं आम आदमी पार्टी चार लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण की वोटिंग से पहले इंडिया टीवी और CNX ने ओपिनियन पोल लाया है। यह ओपिनियन पोल अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद किया गया है। ओपिनियन पोल के अनुसार दिल्ली की सभी 7 सीटों पर भाजपा 2014 और 2019 की तरह ही प्रदर्शन कर सकती है। दिल्ली में बीजेपी सभी 7 लोकसभा सीटों पर चुनाव जीत सकती है। वहीं आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को दिल्ली में शून्य सीटें मिल सकती है।

दोनों दलों की यही स्थिति 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी थी। अगर यह ओपिनियन पोल नतीजे में तब्दील होते हैं तो साफ है कि ना ही गठबंधन का कोई असर हुआ, ना ही अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का पार्टी को कोई फायदा हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव में दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़े थे और बीजेपी को हर सीट पर 52 फ़ीसदी से अधिक वोट मिले थे। यानी अगर हम 2019 के आंकड़ों पर नजर डालें तो आप और कांग्रेस मिलकर भी बीजेपी को मात नहीं दे पाते।

पंजाब में AAP को लग सकता है झटका

ओपिनियन पोल के अनुसार पंजाब में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है। 2 साल पहले बड़े बहुमत के साथ सत्ता में आई आप को लोकसभा चुनाव में महज 6 सीटें मिल सकती हैं। वहीं कांग्रेस और बीजेपी को तीन-तीन सीटों पर जीत हासिल हो सकती है। जबकि शिरोमणि अकाली दल एक सीट जीत सकती है।

इंडिया गठबंधन के तहत आप और कांग्रेस दोनों ही इसमें शामिल है लेकिन पंजाब में गठबंधन नहीं है। पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। इसका नुकसान भी उन्हें होता साफ दिखाई दे रहा है।